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    हापुड़ में फर्जी फर्म के जरिए 20 करोड़ का आईटीसी घोटाला, दो अधिकारियों पर गिरी गाज

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 01:55 PM (IST)

    हापुड़ में 20 करोड़ रुपये के आईटीसी घोटाले का पर्दाफाश हुआ है जिसमें एक फर्जी फर्म शामिल है। इस मामले में दो सहायक आयुक्तों को निलंबित कर दिया गया है। निशा इंटरप्राइजेज नामक फर्म ने कागजों में कारोबार दिखाकर करोड़ों की आईटीसी हड़प ली। जांच में फर्म का कोई भौतिक अस्तित्व नहीं मिला। राज्य कर विभाग ने फर्म का पंजीकरण रद कर दिया।

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    विभागीय जांच में पंजीकरण प्रक्रिया और निगरानी में चूक सामने आई।

    जागरण संवाददाता, हापुड़। फर्जी फर्म के जरिए 20 करोड़ रुपये के आईटीसी घोटाला मामले में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन सहायक आयुक्त अभय कुमार पटेल और वर्तमान सहायक आयुक्त जितेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई विभागीय जांच में पंजीकरण प्रक्रिया और निगरानी में चूक सामने आने के बाद की गई।

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    दो मई 2023 को उमेरुल निशा ने गढ़मुक्तेश्वर के स्याना चौपला में अपनी फर्म, निशा इंटरप्राइजेज, के लिए राज्य कर विभाग के खंड एक में पंजीकरण के लिए आवेदन किया था। आवेदन के साथ दिए गए आधार कार्ड, पैन कार्ड और बिजली बिल के दस्तावेज सही पाए गए, जिसके आधार पर फर्म का पंजीकरण कर दिया गया।

    हालांकि, 12 जुलाई 2024 को फर्म के व्यापार स्थल की जांच के दौरान चौंकाने वाला तथ्य सामने आया कि यह फर्म वास्तव में अस्तित्व में ही नहीं थी। जांच में पाया गया कि यह पूरी तरह से कागजी फर्म थी, जिसका कोई भौतिक कार्यालय या व्यापारिक गतिविधि नहीं थी।

    कार्रवाई और नोटिस

    मामले की जानकारी पर जांच के बाद राज्य कर विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए फर्म के पंजीकरण को निरस्त करने के लिए नोटिस जारी किया और करीब 5.37 करोड़ रुपये की आईटीसी को ब्लाक कर दिया। 25 जुलाई 2024 को फर्म का पंजीकरण पूरी तरह से निरस्त कर दिया गया। लेकिन इस कार्रवाई से पहले फर्म ने बड़ा खेल कर लिया था।

    फर्जी आईटीसी का खेल

    जांच में खुलासा हुआ कि निशा इंटरप्राइजेज ने बिना किसी वास्तविक खरीद-फरोख्त के कागजों में कारोबार दिखाकर भारी मात्रा में आईटीसी हड़प ली थी।

    वित्तीय वर्ष 2023-24 में फर्म ने फर्जी तरीके से 15.08 करोड़ रुपये की आईटीसी का दावा किया, जबकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में पांच करोड़ रुपये की आईटीसी अपने खाते में ट्रांसफर कर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया। इस तरह कुल मिलाकर 20.08 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया।

    अधिकारियों पर गिरी गाज

    राज्य कर विभाग के प्रमुख सचिव एम. देवराज ने इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्कालीन सहायक आयुक्त अभय कुमार पटेल और वर्तमान सहायक आयुक्त जितेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया है।

    राज्य कर विभाग ने इस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और फर्जी फर्मों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस घटना ने कर चोरी के नए तरीकों और विभागीय निगरानी में सुधार की जरूरत को उजागर किया है।