हापुड़ में जिला पंचायत चुनाव से पहले बसपा में तकरार, एक सप्ताह के जिलाध्यक्ष बनकर रह गए केपी सिंह
हापुड़ बसपा में जिला पंचायत चुनाव से पहले उथल-पुथल मची है। एक हफ्ते में जिलाध्यक्ष दो बार बदले गए। केपी सिंह को मायावती के रिश्तेदार से नजदीकी के आरोप ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हापुड़। जिला पंचायत और विधानसभा चुनावों से पहले संभलने की तैयारी में लगी बसपा को जोर का झटका लगा है। एक सप्ताह में जिलाध्यक्ष को दो बार बदल दिया गया है। शनिवार शाम को एडवोकेट केपी सिंह और डॉ. एके कर्दम दोनों ने लखनऊ में बसपा सुप्रीमों के सामने अपना पक्ष रखा।
इस दौरान केपी सिंह पर मायावती के समधी के नजदीकी होने का आराेप लगा, जिसके चलते उन्हे जिलाध्यक्ष पद से तत्काल हटाकर पूर्व जिलाध्यक्ष को ही चौथी बार कमान सौंप दी गई। ऐसे में वह एक सप्ताह के ही जिलाध्यक्ष होकर रह गए।
बसपा में सब कुछ ठीक नहीं है। अंदर बड़ा विद्रोह पनप रहा है। एक सप्ताह पार्टी में हुए घटनाक्रम से यही संकेत मिल रहे हैं। पिछले सप्ताह पार्टी सुप्रीमों मायावती ने डॉ. एके कर्दम को जिलाध्यक्ष पद से हटा दिया था। उन पर निष्क्रिय हाेने का आरोप लगा था।
वहीं कई प्रकार के गंभीर आरोप भी पार्टी हाईकमान के सामने लगाए गए थे। जिसके चलते एडवोकेट केपी सिंह को बसपा का जिलाध्यक्ष बनाया गया था। उनका जोरदार स्वागत करने के साथ ही पार्टी संगठन को नए सिरे से खड़ा किया गया था।
इसके साथ ही जिलाध्यक्ष पद से हटाए गए एके कर्दम के समर्थकों ने आरोप लगाया था कि केपी सिंह डमी जिलाध्यक्ष हैं। उनको चेयरपर्सन पुष्पादेवी के पति श्रीपाल सिंह ने बनवाया है। श्रीपाल सिंह के बेटे से मायावती की भतीजी का विवाह हुआ था।
पिछले दिनों अलगाव के चलते वह दोनों अलग-अलग हो गए। उसके बाद श्रीपाल सिंह को बसपा से निकाल दिया गया था। शनिवार को केपी सिंह और एके कर्दम दोनों ने लखनऊ में मायावती से मुलाकात की। वहां पर देर सायं हापुड़ के बसपा जिलाध्यक्ष की कमान निवर्तमान जिलाध्यक्ष डा. एके कर्दम को ही सौंप दी गई।
पार्टी सुप्रीमों को मेरे बारे में अलत जानकारी देकर जिलाध्यक्ष पद हथिया लिया गया था। मैंने अपना पक्ष तथ्यों के साथ रखा। जिसके चलते पार्टी ने मुझ पर ही चौथी बार भरोसा जताया है। - डॉ. एके कर्दम
मेरे बारे में पार्टी सुप्रीमो गलत जानकारी दी गई। मैं अपना पक्ष प्रभावी ढ़ंग से नहीं रख पाया। मुझको फिलहाल विश्राम करने को कहा गया है। हाईकमान को गुमराह किया जा रहा है। - एडवोकेट केपी सिंह

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