UP News: भ्रष्टाचार में लिप्त एबीएसए भी होंगे सस्पेंड, BSA के कामों के लिए SOP लागू; नहीं लटकाई जा सकेंगी फाइल
हापुड़ में बीएसए कार्यालय में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद डीएम ने एबीएसए योगेश गुप्ता को निलंबित करने की सिफारिश की है। इससे पहले तीन कर्मचारी बर्खास्त किए जा चुके हैं। बीएसए कार्यालय के कामकाज के लिए एसओपी लागू की गई है जिससे पारदर्शिता आएगी। अब फाइलों को लटकाना और मनमाने फैसले लेना संभव नहीं होगा। स्कूलों और कार्यालयों पर टोल-फ्री नंबर लिखा जाएगा।

जागरण संवाददाता, हापुड़। जिलाधिकारी ने बीएसए कार्यालय में तैनात एबीएसए योगेश गुप्ता को भी सस्पेंड करने की संस्तुति की है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। इससे तीन कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुका है। वहीं बीएसए कार्यालय के कार्यों के लिए गाइडलाइन और समय-सीमा तय कर दी गई हैं। अब बीएसए न तो मनमाने तरीके से किसी पत्रावली को लंबे समय तक लटका पाएंगी और न ही मनमाने तरीके से निर्णय ले सकेंगी।
डीएम द्वारा जारी एसओपी से बीएसए कार्यालय में कार्य पारदर्शी तरीके से हो सकेंगे। बीएसए कार्यालय में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने की शिकायत अधिकारियों को मिल रही थीं। कार्यालय के कुछ कर्मचारी स्कूल संचालकों और अध्यापकों से वसूली करने में लिप्त थे। वहीं अध्यापकों और स्कूलों की फाइलों पर मनमाने तरीके से निर्णय लिए जा रहे थे।
काम लटकाने की मिल रही थी शिकायतें
एक ही मामले में किसी पत्रावली का निस्तारण एक सप्ताह में कर दिया जा रहा था, वहीं दूसरे मामलों में पत्रावलियों को चार से छह महीने तक लटकाया जा रहा था। इसी क्रम में पिलखुवा में स्थित एक आइएएस अधिकारी के स्वजन के स्कूल से भी रिश्वत की मांग की गई थी। उन्होंने इसकी शिकायत विजिलेंस से की थी।
इस मामले में विजिलेंस की टीम ने लिपिक दीपेंद्र और निखिल को रिश्वत के रुपयों के साथ ही दबोच लिया था। उनको जेल भेज दिया गया है। इसके चलते डीएम ने दो सहायक लेखाकार निखिल और कपिल को बर्खास्त किया गया। डीसी निर्माण विशाल का चयन नियम विरुद्ध पाए जाने और शिकायतों के आधार पर उन्हें भी बर्खास्त कर दिया गया।
बीओ मुख्यालय से वापस लिए गए चार्ज
वहीं बीओ मुख्यालय योगेश गुप्ता से सभी चार्ज वापस ले लिए गए थे। अब जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने योगेश गुप्ता को भी सस्पेंड करने की संस्तुति की है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। पिछले दिनों शहर क्षेत्र के एक अध्यापक का वीडियो प्रसारित हुआ था। वह सिर पर शराब का गिलास रखकर अश्लील नृत्य कर रहे थे।
इस मामले में बीएसए ने संबंधित अध्यापक को सस्पेंड कर दिया था। उनको एक सप्ताह बाद ही बहाल कर दिया गया और उसी विद्यालय में तैनात कर दिया गया। इस मामले में तीन लाख रुपये का लेनदेन होने के आरोप दो एबीएसए पर लगे थे। इसकी शिकायत भी अधिकारियों से की गई है। इसके साथ ही डीएम ने एसओपी लागू कर दी है। अब बीएसए कार्यालय से चाइल्ड केयर लीव, चिकित्सा, अवकाश, वेतन रोकना और जारी करना निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही हो सकेगा।वेतन रोकने की जांच 45 दिन में पूरी करनी होगी।
निलंबित करने के क्रम में किसी शिक्षक का उत्पीड़न नहीं होगा।स्कूलों की मान्यता की फाइल पर एबीएसए को 10 दिन और बीएसए को छह दिन में निर्णय लेना होगा। स्कूलों की मान्यता को लेकर 25 मई को जिले में एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। वित्त संबंधी फाइलों और जीपीएफ व वेतनमान पर 10 दिन में निर्णय लिया जाएगा।
स्कूलों की दीवारों पर लिखवाया जाएगा टोल फ्री नंबर
जिले में सभी स्कूलों, बीएसए व एबीएसए कार्यालयों की दीवारों पर बेसिक शिक्षा विभाग का टोल-फ्री नंबर लिखवाया जाएगा। जिससे आमजन अपनी परेशानी-शिकायत को टोलफ्री नंबर पर बता सके। इससे शिक्षकों व कर्मचारियों की कार्यक्षमता में सुधार होगा और पारदर्शिता बनी रहेगी।
डीएम द्वारा जारी एसओपी प्राप्त हो गई है। उसका तत्काल अक्षरश: पालन किया जाएगा। कार्यालय व कर्मचारियों के कार्य में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। किसी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिन पुराने मामलों में भी भ्रष्टाचार होने की आशंका है। उनकी भी जांच कराई जाएगी। कार्यालय के सभी पटल के अभिलेख की जांच की जा रही है। - रितु तोमर- जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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