Hapur News: काली नदी किनारे 4000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनेगा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, जल निगम की टेंडर प्रक्रिया पूरी
हापुड़ के ततारपुर क्षेत्र में काली नदी के किनारे 47 करोड़ रुपये की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। इस प्लांट के लगने से गंगा के साथ काली नदी भी स्वच्छ हो सकेगी। ग्रामीण जल निगम ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है और सितंबर के अंत तक निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। प्लांट प्रतिदिन छह लाख लीटर पानी का उपचार करेगा।

जागरण संवाददाता, हापुड़। ततारपुर क्षेत्र में काली नदी के किनारे चार हजार वर्ग मीटर भूमि पर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट लगाने पर 47 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्लांट लगने के बाद गंगा के साथ-साथ काली नदी को भी स्वच्छ किया जा सकेगा।
प्लांट बनवाने के लिए ग्रामीण जल निगम के अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। सब कुछ ठीक रहा तो सितंबर के अंत तक प्लांट का निर्माण कार्य शुरू हो सकता है।
प्लांट बनवाने के लिए पिछले तीन साल से कई स्तरों पर प्रक्रियाएं चल रही थीं। इसके अलावा एक साल से टेंडर प्रक्रिया चल रही थी। छह महीने बाद विभाग से टेंडर को तकनीकी मंजूरी मिल गई है। मंजूरी मिलने के बाद अब प्लांट के निर्माण और संचालन का टेंडर गाजियाबाद की एसकेसी फर्म को दिया गया है।
प्लांट बनने के बाद ग्रामीण जल निगम विभाग पहले फैक्ट्रियों और नालों से निकलने वाले पानी को ट्रीट करेगा और फिर उसे गंगा नदी में डालेगा। इससे गंगा नदी स्वच्छ रहेगी। साथ ही काली नदी को भी साफ किया जा सकेगा।
ग्रामीण जल निगम के अधिशासी अभियंता विनय रावत ने बताया कि ततारपुर गाँव में काली नदी और गंगा नदी की सफाई के लिए एक प्लांट बनाया जाएगा। प्लांट में प्रतिदिन छह लाख लीटर पानी का उपचार किया जा सकेगा। प्लांट के निर्माण और संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। प्लांट का निर्माण कार्य जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।
खतौली से कासगंज तक बहती है काली नदी
काली नदी मुजफ्फरनगर जिले के खतौली से निकलती है। वहां से यह नदी मेरठ जिले, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़ से होते हुए कासगंज में गंगा नदी में मिलती है। वर्तमान में नालों और कारखानों का पानी ततारपुर में इस नदी में गिरता है। जिससे काली नदी का पानी भी गंगा को दूषित करता है। जबकि गंगा की शुद्धता के लिए उसकी सहायक नदियों के पानी का उपचार आवश्यक है।
प्रदूषित पानी से ग्रामीणों को हो रहा है कैंसर
कारखानों से निकलने वाला रसायन युक्त गंदा पानी बिना उपचारित किए काली नदी में गिरता है। जिससे वह पानी भी जमीन में चला जाता है। ऐसे में काली नदी के किनारे बसे लगभग 20 गाँवों के ग्रामीण कैंसर और हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। यहाँ तक कि कैंसर के कारण ग्रामीणों की मौत भी हो जाती है। प्लांट लगने के बाद ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी।
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