'मैं असली पत्नी...', हापुड़ में दो महिलाओं ने खुद को बताया एक ही शख्स की वाइफ; जांच में चकराया पुलिस का दिमाग
उत्तराखंड के चमोली में एक सरकारी कर्मचारी अरुण कुमार की दो पत्नियों के सामने आने से विवाद गहरा गया है। दोनों महिलाएं खुद को असली पत्नी बता रही हैं और उत्तराधिकार प्रमाण पत्र को लेकर विवाद है। एसडीएम ने मामले को विवादित मानते हुए प्रमाण पत्र रद्द कर दिया है। दोनों पत्नियों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं और न्यायालय में वाद दायर किया है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। उत्तराखंड के चमोली में सरकारी अस्पताल के सरकारी कर्मचारी अरुण कुमार की दोनों पत्नियां शनिवार को सामने आ गई। दोनों ने खुद को असली पत्नी बताते हुए साक्ष्य होने का दावा किया है।
ऐसे में प्रशासन बैकफुट पर आने लगा है। शनिवार देर शाम एसडीएम ने अपने यहां से जारी उत्तराधिकारी व पारिवारिक सदस्यता प्रमाण पत्र को लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर निरस्त कर दिया।
सरकारी कर्मचारी की दो पत्नियां
चमोली की रहने वाली पत्नी चंद्रकला ने शव को छीनकर ले जाने का आरोप लगाया है, जबकि मीना ने रुपये हड़पने के लिए मृत्यु से दो महीने पहले वारिसान में अपना नाम दर्ज कराने का मामला उठाया है। वहीं दोनों ने चमोली के न्यायालय में सिविल वाद दायर कर दिया है। हापुड़ के स्वर्ग आश्रम रोड पर स्थित राजनगर कॉलोनी की रहने वाली मीना ने बताया कि वह अरुण कुमार वर्मा की असली पत्नी हैं।
26 नवंबर 2001 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार उनकी शादी अरुण कुमार वर्मा से हुई थी। गोपेश्वर में वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद पर तैनात रहते हुए अरुण समय-समय पर घर आते थे। परिवार व रिश्तेदारियों में हुए सभी आयोजन में वह वीडियो में साथ में हैं। पिछले साल हुए देवी जागरण में भी वह परिवार के साथ दिख रहे हैं।
एक जून 2024 को जब अरुण की मृत्यु हुई तो उसकी सूचना पीड़िता को मिली। उस समय सीएचसी कर्णप्रयाग के अधिकारियों द्वारा उनके पति का शव परिवार को लिखा-पढ़ी में सुपुर्द किया गया। उनके पति की विभागीय जीवनकालीन अवशेष धनराशि करीब 58-59 लाख रुपये है।
उनका आरोप है कि धनराशि के लालच में चमौली की रहने वाली चंद्रकला वर्मा ने वर्ष 2005 में अरुण से शादी बताकर उनकी धनराशि प्राप्त करने के लिए उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र जारी कराने के लिए वाद दायर किया गया। जब इसकी जानकारी हुई तो आपत्ति दर्ज कराकर उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र खारिज करा दिया गया। तभी से ही चंद्रकला वर्मा षडयंत्र के तहत उनकी झूठी शिकायतें कर रही हैं।
क्या है पूरा मामला?
पत्नी होने का दावा करने वाली उत्तराखंड के चमोली की चंद्रकला वर्मा ने बताया था कि उनका विवाह मूलरूप से बुलंदशहर जिले के स्याना के रहने वाले अरुण वर्मा से करीब 20 वर्ष पहले हुआ था। एक जून 2024 को ड्यूटी के दौरान हृदयगति रुकने से अरुण कुमार की मृत्यु हो गई। वहीं पर ही उनका पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद 19 जून 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णप्रयाग ने मृतक का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किया गया था।
मुझे नहीं पता कब हुई शादी?
चंद्रकला वर्मा ने बताया कि 2005 में जब उनका विवाह अरुण कुमार वर्मा से हुआ था तो उस समय वह पढ़ाई कर रही थीं। उनके पिता ने ही अरुण से उनका विवाह कराया था और इसके बाद अरुण घरजमाई बनकर वहीं रहते थे। चंद्रकला का आरोप है कि एक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण-पत्र दो जगह से फर्जीवाड़ा करने के लिए ही दूसरे लोगों ने बनवाया है।
एसडीएम ने निरस्त कर दिया उत्तराधिकार प्रमाण पत्र
अरुण कुमार की मृत्यु के बाद एसडीएम कार्यालय से मीना वर्मा ने उत्तराधिकार प्रमाण पत्र बनवाया था। अब मामले के तूल पकड़ने पर एसडीएम सदर इला प्रकाश श्रीवास्तव ने जांच कराई। जांच में सामने आया कि मामला विवादित है।
इसके चलते शनिवार देर शाम उत्तराधिकारी व परिवार सदस्यता प्रमाण पत्रों को निरस्त कर दिया गया। दरअसल इनको मृतक के फंड व अन्य लाभ लेने के लिए इस प्रमाण पत्र की जरूरत है।
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