एक सरकारी कर्मचारी की दो पत्नियां, 60 लाख को लेकर दोनों में छिड़ी जंग; दिलचस्प है पूरा मामला
उत्तराखंड में अरुण वर्मा नामक एक सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद दो पत्नियों के सामने आने से विवाद खड़ा हो गया है। दोनों महिलाएं संपत्ति पेंशन और नौकरी पर अपना दावा कर रही हैं। समझौते के प्रयास विफल रहे क्योंकि एक पत्नी नौकरी और दूसरी पेंशन पर सहमत नहीं हो पाईं। मृतक के 60 लाख रुपये के भत्तों के बंटवारे पर सहमति नहीं बन पाई है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। उत्तराखंड के चमोली में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी अरुण वर्मा की मौत के बाद दो पत्नियां सामने आने का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों महिलाएं खुद को असली पत्नी बताकर उनकी संपत्ति, पेंशन, नौकरी और अन्य भत्तों की हकदार बता रही हैं।
इनमें से चमोली की महिला चंद्रकांता के तीन और हापुड़ की मीनादेवी के दो बच्चे हैं। कालेजों में इनके पिता के रूप में अरुण वर्मा का नाम दर्ज है। दोनों के अलग-अलग मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर मृतक आश्रित का लाभ पाने के विवाद के बीच एसडीएम हापुड़ ने अपने द्वारा जारी किया गया पारिवार उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र रद कर दिया है।
अरुण कुमार के साथ अपनी शादी के चित्र दिखाती मीना वर्मा।
हापुड़ की राजनगर कॉलोनी की रहने वाली मीना ने बताया कि वह अरुण कुमार वर्मा की असली पत्नी हैं। 26 नवंबर 2001 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार उनकी शादी अरुण कुमार वर्मा से हुई थी। गोपेश्वर में वरिष्ठ नर्सिंग अधिकारी के पद पर तैनात रहते हुए अरुण समय-समय पर घर आते थे।
एक जून 2024 को जब अरुण की मृत्यु हुई तो उसकी सूचना पीड़िता को मिली। उस समय सीएचसी कर्णप्रयाग के अधिकारियों द्वारा उनके पति का शव आन रिेकार्ड मुझको सुपुर्द किया गया। उनके पति की विभागीय जीवनकालीन अवशेष धनराशि करीब 60 लाख रुपये है।
इस धनराशि के लालच में चमोली की रहने वाली चंद्रकला वर्मा ने 2005 में अरुण से शादी बताकर उनकी धनराशि प्राप्त करने के लिए उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र जारी कराने के लिए वाद दायर किया गया। जब इसकी जानकारी हुई तो आपत्ति दर्ज कराकर उत्तराधिकार प्रमाण-पत्र खारिज करा दिया गया। तभी से ही चंद्रकला वर्मा षडयंत्र के तहत उनकी झूठी शिकायत कर रही है।
यह है पूरा मामला
पत्नी होने का दावा करने वाली उत्तराखंड के चमोली चंद्रकला वर्मा ने बताया कि उनका विवाह मूलरूप से बुलंदशहर जिले के स्याना के रहने वाले अरुण कुमार वर्मा से करीब 20 वर्ष पहले हुआ था।
एक जून 2024 को ड्यूटी के दौरान हृदयगति रुकने से अरुण कुमार की मृत्यु हो गई। वहीं पर उनका पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद 19 जून 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्णप्रयाग ने मृतक का मृत्यु प्रमाण-पत्र जारी किया था।
वहीं चंद्रकला वर्मा ने बताया कि वर्ष 2005 में जब उनका विवाह अरुण कुमार वर्मा से हुआ था, तो उस समय वह पढ़ाई कर रही थीं। उनके पिता ने ही अरुण से उनका विवाह कराया था। इसके बाद अरुण घरजमाई बनकर वहीं रहते थे। चंद्रकला का आरोप है कि एक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण-पत्र दो जगह से फर्जीवाड़ा करने के लिए ही दूसरे लोगों ने बनवाया है।
समझौते का प्रयास हुआ विफल
सामाजिक लोगों ने मीना और चंद्रकला के बीच समझौते का प्रयास किया। इस पर दोनों सहमत भी हो गई थीं। इसके तहत चंद्रकला को उत्तराधिकारी के रूप में नौकरी और मीनादेवी को पेंशन दी जानी थी।
मीनादेवी ने बताया कि चंद्रकला ने अरुण वर्मा के वेतन पर 20 लाख रुपये का होमलोन लिया हुआ है। अब वह साठ लाख रुपये को भी पूरा मांग रही है। इससे समझौता नहीं हो सका।
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