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    किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब शुगर मिलों से सीधा बैंक खातों में भेजा जाएगा गन्ना भुगतान

    Updated: Wed, 14 May 2025 11:16 AM (IST)

    गन्ना समिति के घोटाले के बाद प्रशासन ने गन्ना किसानों को सीधे भुगतान करने का फैसला किया है। अब शुगर मिलें सीधे किसानों के खातों में गन्ना भुगतान भेजेंगी जिससे समितियों की मध्यस्थता खत्म हो जाएगी। इस व्यवस्था से किसानों को बिना किसी देरी के भुगतान मिलेगा और गन्ना भुगतान के लिए मिलों की जवाबदेही तय होगी। घोटाले के चलते गन्ना समितियों के खातों को सीज कर दिया गया है।

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    गन्ना भुगतान में समितियों की मध्यस्थता खत्म हो जाएगी। (फाइल फोटो)

    ठाकुर डीपी आर्य, हापुड़। गन्ना सहकारी समिति में आठ करोड़ रुपये के घपले के बाद प्रशासन ने व्यवस्था में बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब शुगर मिल किसानों का गन्ना भुगतान उनके खाते में सीधे भेज सकेंगी। इससे गन्ना भुगतान में समितियों की मध्यस्थता खत्म हो जाएगी।

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    वहीं किसानों को भुगतान बिना किसी विलंब के मिल जाएगा। वहीं गन्ना भुगतान के लिए मिलों की सीधे जवाबदेही बन जाएगी। इसके साथ ही गन्ना समितियों के स्तर पर होने वाली अनावश्यक परेशानी से किसान बच जाएंगे।

    गन्ना समितियों को मिलता था कमीशन

    अभी तक गन्ना किसानों और मिलों के बीच में समितियां मध्यस्थ होती हैं। मिलों के सभी संबंध समितियों के माध्यम से ही किसानों तक पहुंचते हैं। वहीं किसान भी अपनी समस्याओं व अन्य जरुरतों के लिए मिलों से संबंध गन्ना समितियों के माध्यम से ही करते हैं।

    मिलों से गन्ना बीज, गन्ना भुगतान, उर्वरक व कीटनाशक आदि का वितरण भी समितियों के द्वारा ही होता है। इसके बदले में मिलों द्वारा गन्ना समितियों को निर्धारित कमिशन दिया जाता है। जिससे समितियों की जरुरतों का बजट पूरा होता है।

    फर्जी हस्ताक्षर कर तुड़वा ली थी एक करोड़ की एफडी

    पिछले दिनों गन्ना सहकारी समिति हापुड़ के सचिव व लिपिक ने धनराशि में घपला कर दिया। उन्होंने किसानों के गन्ना भुगतान का रुपया मिल के प्रबंधक व अन्य कर्मचारियों से मिलकर अपने व अपने संबंधियों के खातों में ट्रांसफर करा लिया।

    माना जा रहा है कि इस अवैध लेनदेन में बैंक के कर्मचारी भी बराबर के भागीदार रहे। इसको लेकर मामला तूल पकड़ रहा है। किसानों का भुगतान नहीं हो पाने पर आरोपितों ने समिति की एक करोड़ की एफडी फर्जी हस्ताक्षर करके समय से पहले तुड़वा ली। उसकी धनराशि को खाते में डालकर पहले किसानों का भुगतान कराया गया। उसमें से बाकी बची धनराशि को आरोपिताें ने तत्काल अपने खातों में ट्रांसफर कर लिया।

    अब होगा गाइडलाइन में बदलाव

    डीएम अभिषेक पांडेय के कड़े तेवर अपनाने के बाद से समिति, बैंक और गन्ना विभाग में हड़कंप मचा है। जिला गन्ना की जांच में समिति और बैंक के कर्मचारी दोषी पाए गए। वहीं उन लोगों को भी आरोपित बनाया गया है, जिनके खातों में रुपया ट्रांसफर हुआ है।

    सभी आराेपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। वहीं सभी को सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले में डीएम ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश कर दिए हैं। एसडीएम अंकित वर्मा ने इसकी जांच आरंभ कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि घपले का आंकड़ा आठ करोड़ से ज्यादा हो सकता है।

    अब होगा नियमों में बदलाव

    गन्ना उपायुक्त आरके मिश्रा ने बताया कि हम नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रहे हैं। हमारा पूरा प्रयास गन्ना भुगतान व किसान हित की योजनाओं को पारदर्शी बनाना है। जिससे किसानों के हितों से खिलवाड़ नहीं हो सके। गन्ना समिति द्वारा किया गया घपला बहुत परेशान करने वाला है।

    ऐसे में स्थाई समाधान निकालने की तैयारी की जा रही हैं। जिससे किसानों का गन्ना भुगतान व अन्य योजनाओं का लाभ सीधे पहुंच सके। उससे दुरुपयोग की आशंका कम हो जाएगी। इसके लिए बहुत जल्द कार्ययोजना जारी की जाएगी।

    हमने जिलाधिकारी से मुलाकात की है। उनसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा हुई है। अब हमने गन्ना भुगतान की नई प्रणाली जारी की है। जिले में अब शुगर मिल किसानों का भुगतान उनके खाते में सीधे डालेंगी। वहीं सिंभावली-हापुड़ सहित सभी गन्ना समितियों के खातों को सीज कर दिया गया है। इनसे फिलहाल किसी भी प्रकार का लेनदेन नहीं किया जा सकेगा।

    - सना आफरीन, जिला गन्ना अधिकारी, हापुड़