Ganga Water Level: हापुड़ में फिर तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, कई गांवों में फैली दहशत
हापुड़ में गंगा का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है जिससे बाढ़ प्रभावित गांवों में दहशत फैल गई है। पिछले दिनों जलस्तर में गिरावट के बाद लोगों को कुछ राहत मिली थी लेकिन अब फिर स्थिति खराब हो रही है। कई गांवों में जलभराव हो गया है जिससे लोगों के घरों में पानी घुस गया है और उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में गंगा के जलस्तर में पिछले तीन दिनों से लगातार गिरावट जारी रहने के बाद बुधवार से गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होनी शुरू हो गई है।
पिछले दो दिनों में इसमें दस सेंटीमीटर की वृद्धि होने से बाढ़ प्रभावित गांवों में एक बार फिर दहशत का माहौल बन गया है। जिन गांवों रविवार से मंगलवार तक गंगा का जलस्तर कम होने के कारण गांवों में थोड़े हालात संभलने शुरू हो गए थे, लेकिन बुधवार से एक बार फिर स्थिति खराब होने लगी है। गंगा के जलस्तर में पुन: वृद्धि होने से लोगों में दहशत का माहौल बन गया है।
गढ़मुक्तेश्वर खादर क्षेत्र के नयागांव इनायतपुर, गड़ावली, आलमपुर भगवंतपुर, बागड़पुर, कुदैनी की मंढैया, रामपुर न्यामतपुर, शाकरपुर, लठीरा गढ़ खादर, गंगा नगर टापू, नया गांव इनायतपुर, अब्दुल्लापुर, चक लठीरा, नया बांस आदि दर्जनों गांवों में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के कारण जलभराव हो गया था।
पिछले 12 वर्षो में गंगा का पहली बार इस तरह का रौद्र रूप देखकर ग्रामीणों में दहशत व्याप्त हो गई थी।जलभराव के बीच दो मकान जमींदोज हो गए थे। वहीं घरों एवं अहातों में पानी भरने के कारण लोगों के सामने अपनों का पेट भरने का संकट खड़ा हो गया था।
वहीं, चारा नष्ट होने एवं गांव, घरों में जलभराव होने से पशुओं की सुरक्षा पर भी सवाल खड़ा हो रहा था। इस बीच रविवार से लेकर मंगलवार तक गंगा के जलस्तर में करीब 35 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई थी, जिसके बाद गांव एवं घरों से पानी निकासी शुरू हो गई थी।
इस बीच बुधवार एवं बृहस्पतिवार को गंगा के जलस्तर में लगभग दस सेंटीमीटर की वृद्धि होने से चिंता पसर गई है। पुन: जलभराव के कारण यहां के लोगों का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग जलभराव के कारण अपने घरों की छत पर रात गुजारने को मजबूर हो रहे है। जलभराव के बीच जर्जर मकानों के गिरने का खतरा भी ग्रामीणों के सिर पर मंडराने लगा है।
उतार चढ़ाव से दहशत का माहौल
करीब 12 वर्ष पूर्व इस तरह गंगा का जलस्तर बाढ़ के बिंदू को पार कर गया था, जिसके बाद गंगा की तलहटी में बसे गांवों में काफी नुकसान हुआ था। इस वर्ष गंगा का जलस्तर बाढ़ के बिंदू 199.33 को पार करके शनिवार को 199.57 तक पहुंच गया था।
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इसके बाद रविवार से गंगा के जलस्तर में गिरावट शुरू हुई तो मंगलवार तक यह 199.20 तक पहुंच गया था, जिसके बाद गांवों एवं घरों में भरा पानी निकलना शुरू हो गया था। इससे लोगों को राहत मिलनी शुरू हो गई थी। इसके बाद बुधवार से पुन: गंगा का जलस्तर बढ़ना शुरू हुआ तो बृहस्पतिवार को 199.30 तक पहुंच गया, जो बाढ़ के बिंदू से मात्र तीन सेंटीमीटर दूर रह गया है।
भाकिसं ने सौंपा ज्ञापन
इस बीच भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष इंद्रजीत सोलंकी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने तहसीलदार राहुल कुमार को ज्ञापन सौंपते हुए बाढ़ पीड़ितों की मदद की मांग की। उन्होंने कहा कि जलभराव के कारण फसल आदि बर्बाद हो चुकी है, लोगाें की जरूरत का सामान नष्ट हो गया है। ऐसे में बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद करने एवं सहयोग करने के लिए सभी का दायित्व बनता है।
जलस्तर की स्थिति
- शनिवार को गंगा का जलस्तर : 199.57
- रविवार को गंगा का जलस्तर : 199.44
- सोमवार को गंगा का जलस्तर : 199.31
- मंगलवार को गंगा का जलस्तर: 199.20
- बुधवार को गंगा का जलस्तर : 199.22
- बृहस्पतिवार गंगा का जलस्तर : 199.30
- गंगा में बाढ़ का जलस्तर : 199.33
बाढ़ के कारण प्रभावित गांवों में लगातार निगरानी की जा रही है। जरूरत के सभी सामानों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। वहीं गंगा के जलस्तर को लेकर भी प्रशासन सतर्क है। - श्रीराम यादव, एसडीएम
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