Hapur: बाढ़ से जूझ रहे लोगों को चार दिन से राहत, येलो अलर्ट से नीचे आया गंगा का जलस्तर
हापुड़ में एक महीने से बाढ़ से जूझ रहे लोगों को चार दिन से राहत मिली है। गंगा का जलस्तर येलो अलर्ट से नीचे आने पर गांवों और जंगलों से पानी कम होने लगा है। बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने के बावजूद जलस्तर गिरा है जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है। हालांकि बाढ़ से फसलें नष्ट होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है।

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में पिछले एक माह से बाढ़ का दंश झेल रहे लोगों को पिछले चार दिन काफी राहत देने वाले आए हैं। एक माह बाद पहली बार गंगा का जलस्तर येलो अलर्ट 198.75 सेंटीमीटर से नीचे पहुंच गया है। इससे गांव एवं जंगलों में भरे पानी की निकासी स्वत: होने लगी है।
वहीं, जलस्तर कम होने से बाढ़ प्रभावित गांवों में रहने वाले लोगों ने भी राहत की सांस ली हैं। हालाकि बिजनौर बैराज से 78 हजार 456 क्यूसेक पानी गंगा में और छोड़ा गया है। इससे मामूली रूप से गंगा में जलस्तर की वृद्धि हो सकती है।
गढ़मुक्तेश्वर गंगा के खादर क्षेत्र में बसे नयागांव इनायतपुर, गड़ावली, आलमपुर भगवंतपुर, बागड़पुर, कुदैनी की मंढैया, रामपुर न्यामतपुर, शाकरपुर, लठीरा गढ़ खादर, नया गांव इनायतपुर, अब्दुल्लापुर, चक लठीरा, नया बांस तथा ब्रजघाट के पास टापू पर स्थापित गंगानगर आदि गांवो एवं जंगलों में बाढ़ से हुए जलभराव के बाद लोगों का बुरा हाल हो गया था। पिछले एक माह में गंगा के जलस्तर में कई बार उतार चढ़ाव देखा गया।
इस वर्ष गंगा का जलस्तर खतरा बिंदू 199.33 को पार करके नौ अगस्त को 199.57 सेंटीमीटर तक पहुंच गया था। इसके बाद गंगा के जलस्तर में गिरावट तो दर्ज की गई, लेकिन वह अलग अलग तीन बार में पांच दिनों को छोड़ रेड अलर्ट बिंदू 199.00 से ऊपर ही रहा। पांच दिन पूर्व गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हुई तो वह 198.80 से ऊपर चढ़कर 199.17 सेंटीमीटर तक पहुंच गया था, जिसके बाद बाढ़ प्रभावित गांवों में दहशत पनप गई थी।
इस बीच पिछले चार दिनों से बिजनौर बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद भी गंगा के जलस्तर में गिरावट आ रही है। एक माह तक रेड अलर्ट एवं उससे ऊपर गंगा के रहने के बाद सोमवार को काफी राहत भरी खबर रही। गंगा का जलस्तर ठीक एक माह बाद यलो अलर्ट 198.75 सेंटीमीटर से नीचे उतर कर198.62 बिंदू पर पहुंच गया।
जलस्तर कम होने से खादर में बसे लोगों में काफी राहत देखी जा रही है। हालांकि, बाढ़ के कारण हजारों बीघा फसल नष्ट हो चुकी है। इससे किसानों को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। वह पशुओं का पेट पालने के लिए चारे तक को तरस रहे हैं। खाने पीने का सामान प्राप्त करने के लिए वह तहसील में कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।
इस बीच जलस्तर कम होने का असर अब गांवों के साथ ही जंगल में भी दिखाई देने लगा है। करीब एक माह से अधिक समय तक जलभराव में रहे गंगानगर बस्ती से करीब 90 प्रतिशत पानी बाहर हो गया है। इससे लोगों को काफी राहत मिली है।
स्थिति सेंटीमीटर में
- येलो अलर्ट - 198.75
- रेड अलर्ट - 199.00
- खतरा बिंदू - 199.33
- नौ अगस्त - 199.57
- बृहस्पतिवार - 199.17
- रविवार - 198.87
- सोमवार - 198.62
गंगा के जलस्तर में पिछले चार दिनों से लगातार गिरावट आ रही है। अभी कुछ गांवों के रास्तों पर जलभराव को लेकर समस्या आ रही है। यदि राहत नहीं मिलती है तो नालों की सफाई एवं अन्य प्रबंध कराने की तैयारी की जाएगी। - श्रीराम यादव, एसडीएम
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