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    हापुड़: गंगा मेले के लिए प्रशासन तैयार, एंटी रोमियो स्क्वाड की 6 टीमें दिन-रात रखेंगी मनचलों पर नजर

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 01:52 PM (IST)

    गंगा मेले के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। मनचलों पर सख्ती के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड की छह टीमें तैनात की गई हैं। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और श्रद्धालुओं की सुविधा का ध्यान रखा जा रहा है। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात है और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।

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    ज्ञानंजय सिंह, एसपी। जागरण

    जागरण संवाददाता, हापुड़। रेतीले मैदान में गंगा की लहरें जब कार्तिक पूर्णिमा की चांदनी से चमकने लगती हैं, तो दूर-दूर से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। इस बार पांच नवंबर को पड़ने वाली पूर्णिमा पर गढ़मुक्तेश्वर का प्रसिद्ध गंगा मेला फिर से मिनी कुंभ बनने को तैयार है। लेकिन इस बार मेले की चमक-धमक के बीच मनचलों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने कड़ा प्लान तैयार किया है।

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    महिलाओं-युवतियों से छेड़छाड़ पर अंकुश लगाने और मनचलों पर कार्रवाई करने के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड की छह टीमों का गठन किया गया है। सादे कपड़ों में घूमती महिला शक्ति की छह टीमें दिन हो या रात, हर कोने में नजर रखेंगी। किसी भी सूचना पर वह मनचलों को हिरासत में लेकर कड़ी कार्रवाई करेंगी।

    प्राचीन काल से कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेला आस्था का महाकुंभ रहा है। महाभारत काल से चली आ रही परंपरा के मुताबिक, कार्तिक स्नान करने से पाप धुल जाते हैं और मोक्ष का द्वार खुलता है। यही विश्वास लाखों लोगों को खींच लाता है। इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद हेलिकाप्टर से उड़ान भरकर तैयारियां परखीं और इसे भव्य बनाने के फरमान जारी किए।

    मेला क्षेत्र अब तीन जिलों हापुड़, बुलंदशहर और अमरोहा में फैला है। गंगा घाटों पर अस्थायी पुल, रेस्क्यू बोट्स, ड्रोन कैमरे और सैकड़ों सीसीटीवी लग चुके हैं। लेकिन इन सबके बीच सबसे दिलचस्प तैयारी है एंटी रोमियो स्क्वाड की।

    एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि मेले में हर साल महिलाओं और युवतियों के साथ छेड़छाड़ की शिकायतें आती रही हैं। कभी पर्स कट जाता है, कभी चेन खींच ली जाती है, तो कभी अजनबी नजरों का शिकार होना पड़ता है। इस बार पुलिस ने इसे जड़ से खत्म करने का प्लान बनाया है। इस बार एंटी रोमियो स्क्वाड की छह टीमें बनाई गई हैं।

    हर टीम में एक महिला सब-इंस्पेक्टर के नेतृत्व में सात और जांबाज महिला पुलिसकर्मी शामिल हैं। यह सभी सादे कपड़ों में तैनात रहेंगी। कोई सलवार-कमीज तो कोई जींस-टाप में होगी। वहीं, कोई साड़ी में बिल्कुल आम श्रद्धालु जैसी दिखेंगे। लेकिन इनकी नजरें बाज की तरह पैनी होंगी।

    इन टीमों की खासियत कि तीन टीमें दिन में सक्रिय रहेंगी, जबकि बाकी तीन रात की ड्यूटी संभालेंगी। 24 घंटे मेला स्थल का कोई कोना अंधेरे में नहीं रहेगा। अगर कोई मनचला हाथ बढ़ाएगा या गंदी नजर डालेगा, तो उसे पता भी नहीं चलेगा कि कब सादे कपड़ों वाली महिला शक्ति ने उसका कालर पकड़ लिया। हिरासत में लेने के बाद कानूनी शिकंजा कसा जाएगा वह चाहे जुर्माना हो या जेल। 

    निडर होकर करें शिकायत, पहचान रहेगी गोपनीय

    एसपी ने बताया कि घाट पर शाम ढलते ही घाटों पर दीपों की कतारें सजने लगती हैं। गंगा आरती की ध्वनि दूर तक गूंजती है। मेला अब सिर्फ स्नान और पूजा का केंद्र नहीं रहा। यह महिलाओं की निर्भीकता का उत्सव भी बनने जा रहा है। मनचले अब सोचें, कि उनकी हरकत पर नजर सिर्फ भगवान की नहीं, बल्कि सादे कपड़ों वाली देवियों की भी है।

    पुलिस ने तकनीक का भी सहारा लिया है। मेले में वाट्सएप हेल्पलाइन नंबर जारी किए जा रहे हैं। कोई भी महिला या युवती अपनी लोकेशन शेयर करके तुरंत मदद मांग सकती है। उसकी पहचान गोपनीय रहेगी।