हापुड़: नहर की सफाई ने छीना सांस, सिंचाई विभाग ने पटरी पर डाली मिट्टी; अब धूल से दम घुट रहा
सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली से प्रदूषण बढ़ने से तीन जिलों के हजारों राहगीर परेशान हैं। किठौर से निकलने वाली अनूपशहर गंग नहर मेरठ, हापुड़ और बुलंदशहर ...और पढ़ें
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सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली से प्रदूषण बढ़ने से तीन जिलों के हजारों राहगीर परेशान हैं। जागरण
जागरण संवाददाता, गढ़मुक्तेश्वर। सरकार प्रदूषण कम करने के लिए हर मुमकिन कदम उठा रही है। लेकिन, सिंचाई विभाग की कार्यप्रणाली से प्रदूषण बढ़ रहा है और हजारों लोगों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। खासकर आसपास के खेतों में काम करने वाले किसानों के लिए यह समस्या गंभीर हो गई है। किठौर से निकलने वाली अनूपशहर गंग नहर मेरठ के कई इलाकों से होकर गुजरती है।
इसमें सिंभावली के अनूपपुर डिबाई, भगवानपुर, बुकलाना, नवादा, सिंभावली, बक्सर, वैठ, सहसपुरा, हरोरा, रजैती, जमालपुर, सलौनी, जखेड़ा, राजापुर आदि गांव शामिल हैं। यह नहर बुलंदशहर जिले के स्याना, मकरी, भड़काऊ, ऊंचाहार और अनूपशहर तक जाती है।
तीन जिलों से होकर गुजरने वाली इस नहर की पटरी से हापुड़, मेरठ और बुलंदशहर के हजारों लोग रोजाना आते-जाते हैं। स्याना से किठौर पहुंचने के लिए कांटे वाला रास्ता करीब 45 से 50 किलोमीटर है, जबकि नहर की पटरी सिर्फ 30 किलोमीटर है। इस रास्ते से जाने पर ट्रैफिक जाम और जाम से बचा जा सकता है, जिससे यह रास्ता लगभग 24 घंटे चालू रहता है। करीब डेढ़ महीने पहले अनूपशहर गंग नहर की सफाई बुलडोजर से करवाई गई थी।
खोदी गई मिट्टी और रेत को नहर की दोनों पटरियों पर डाल दिया गया था। इससे आधी सड़क बंद हो गई, जिससे सिर्फ एक गाड़ी ही निकल सकती थी। सामने से आ रही गाड़ी से बचना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा, सबसे बड़ी समस्या इसके पीछे उड़ने वाली धूल है। इससे गुजरने वाले ड्राइवरों को दिखाई नहीं देता, जिससे दुर्घटना का खतरा रहता है।
इसके अलावा, सबसे ज्यादा परेशानी इस इलाके में खेती करने वाले किसानों को होती है, क्योंकि धूल के गुबार से सांस लेने में गंभीर दिक्कतें होती हैं। अपने खेतों में जाते समय उन्हें गाड़ियों से उड़ने वाली धूल से जूझना पड़ता है। नतीजतन, नहर की यह सफाई लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है।
नहर के किनारे दोनों तरफ सड़क पर मिट्टी डाले जाने से हजारों राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी नहर किनारे बसे गांवों के किसानों और लोगों को हो रही है। - दानिश प्रधान, हरोरा
सिंभावली इलाके के लोग अक्सर किठौर और स्याना के बाजारों में आते-जाते हैं। मेरठ जाने के लिए भी लोग नहर के किनारे का इस्तेमाल करते हैं। अभी इस रास्ते पर धूल और कीचड़ से काफी दिक्कतें हो रही हैं। - प्रवीण सोनी, व्यापारी
कीचड़ से काफी दिक्कतें हो रही हैं। संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात हो गई है। जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा। - श्रीराम यादव, SDM

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