Hapur में हुआ बड़ा खेल, लाखों की कमाई, चार्ज हटाकर वन विभाग ने कर दी भरपाई
हापुड़ के भगवंतपुर गांव में पेड़ कटान के मामले में ग्रामीणों के हंगामे के बाद वन विभाग ने खानापूर्ति की। वन विभाग पर निजी स्वार्थ के लिए बेशकीमती पेड़ कटवाने के आरोप लगे हैं। मामले के तूल पकड़ने पर वन विभाग ने वनरक्षक को निलंबित कर दिया और डिप्टी रेंजर को पद से हटा दिया। लोगों ने विभाग की इस कार्रवाई को नाकाफी बताया है।

संवाद सहयोगी, जागरण, गढ़मुक्तेश्वर (हापुड़)। हापुड़ में गढ़ खादर के भगवंतपुर गांव में वन कर्मियों द्वारा आंधी में पेड़ गिरने के मामले में खबरें प्रकाशित होने और ग्रामीणों द्वारा हंगामा करने के बाद अपनी इज्जत बचाने के लिए वन विभाग ने खाना पूर्ति शुरू कर दी है।
सरकार बिगड़ते पर्यावरण को संभालने के लिए प्रत्येक वर्ष जिले में लाखों पौधों का रोपण कराती है। इसमें सामाजिक संगठन से लेकर सरकारी मशीनरी साथ में लगती है। लेकिन वहीं वन विभाग अपने नीजि स्वार्थ के कारण बेशकीमती पेड़ों पर खुलेआम आरा चलवाता है। इसमें प्रतिबंधित पेड़ों का कटान जमकर होता है।
पिछले दो वर्षो में आम का क्षेत्रफल करीब 600 हेक्टेयर कम हो गया है। एक सप्ताह पूर्व आई आंधी में पेड़ गिरने के नाम पर लाखों रुपये कीमत की शीशम की बेशकीमती लकड़ी को वन विभाग के कर्मचारियों ने मिलीभगत से काट लिया और ट्राली में भरकर ले जाने लगे।
इस बीच भगवंतपुर सहित अन्य गांवों के लोगों ने वहां हंगामा खड़ा कर दिया और वन विभाग के कर्मचारियों पर हरे पेड़ों के कटान का आरोप लगाया। यह मामला इंटरनेट मीडिया एवं अखबार की सुर्खियां बना तो वन विभाग ने अब वनरक्षक सोनू कुमार को सस्पेंड करते हुए डिप्टी रेंजर जोगपाल सिंह को चार्ज से हटा दिया है।
विभाग की यह कार्रवाई भी लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। लोगों का कहना है कि लाखों की कमाई करने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर रिपोर्ट दर्ज कराने के बजाए विभाग ने मामूली कार्रवाई करके अपने कृत्वय की इति श्री कर ली है।
बोले अधिकारी
डिप्टी रेंजर जोगपाल सिंह को कार्य मुक्त कर दिया गया है। वहीं वन रक्षक सोनू कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। - करण सिंह, वन क्षेत्राधिकारी

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