गढ़मुक्तेश्वर में बाढ़ के बाद दूसरे संकट ने जमाया 'डेरा', कई गांव के ग्रामीणों के लिए पशुओं का पेट भरना मुश्किल
गढ़मुक्तेश्वर में बाढ़ का पानी घटने के बाद भी गांवों में मुश्किलें बढ़ रही हैं। जलभराव से संक्रामक बीमारियों का खतरा है और लोगों के सामने भोजन का संकट है। सबसे बड़ी समस्या पशुओं के लिए चारे की है क्योंकि चारा गल गया है। किसानों को चारा काटने के लिए पानी में उतरना पड़ रहा है जिससे उन्हें जहरीले जीवों का खतरा है।

जागरण संवाददाता, गढ़मुक्तेश्वर। गंगा की तलहटी में बसे गांवों में बाढ़ का पानी कम हुआ है, लेकिन समस्याएं लगातार बढ़ रही है। जलभराव के कारण जहां संक्रामक रोग पनपने का खतरा मंडरा रहा है तो वहीं खाद्य सामग्री जलभराव के कारण लोगों के सामने अपने स्वजन का पेट भरने का संकट खड़ा हो गया है। इसके अतिरिक्त चारा गलने के कारण पशुओं का पेट भरना भी मुश्किल हो रहा है। रविवार को एसडीएम ने कई गांवों का निरीक्षण कर लोगों की समस्या सुनी।
गढ़मुक्तेश्वर गंगा की तलहटी में बसे गड़ावली, नयाबांस, रामपुर न्यामतपुर, लठीरा, चक लठीरा, शेरा कृष्णा वाली मंढैया, रेत वाली मंढैया, मिश्रीपुर आदि गांवों के खेतों में पानी जमा है।
किसानों के सामने पशु चारे तक का संकट बना है। चारा काटने के लिए किसानों को पानी के अंदर जाना पड़ रहा है, जिससे उनके ऊपर जलीय एवं विषैली जीवों का खतरा मंडरा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि जलभराव के कारण चारा एवं सब्जी आदि की फसल का नष्ट होना तय है। ऐसे में किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा होने जा रहा है। चारा नष्ट होने के कारण वह अपने पशुओं को भर पेट चारा तक नहीं दे पा रहे हैं।
इसके अतिरिक्त जलभराव होने से यहां मच्छर आदि पैदा हो गए है तथा पानी भी प्रदूषित हो चुका है। ऐसे में लोगों में बीमारी पनपने की पूर्ण संभावना है।
जलभराव होने से जहां बीमारी बढ़ेंगी तो वहीं फसल नष्ट होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा होगा। ऐसे में यहां रहने वाले लोगों को दोहरी मार झेलनी होगी।
वर्तमान में भी लोग सरकार से मिलने वाली सहायता राशि पर भी निर्भर है। ऐसे में आने वाला समय लोगों को और परेशानी पैदा करेगा।
बोले एसडीएम- गांवों का निरीक्षण किया गया
रविवार को भी बाढ़ प्रभावित कई गांवों का निरीक्षण किया गया है। इसमें संबंधित विभागों की टीमों को ग्रामीणों की मदद करने के निर्देश दिए गए है। इसके अतिरिक्त गांव में मच्छरों से बचाव के लिए जलभराव में दवाइयों का छिड़काव कराया जा रहा है तथा दवाइयों का वितरण किया जा रहा है।
-श्रीराम यादव, एसडीएम
यह भी पढ़ें- WhatsApp status में बाबा साहब की आपत्तिजनक रील लगाने पर हंगामा, दलित समाज ने दर्ज कराई FIR
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।