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    फसल के साथ बीज की भी पैदावार करना सीखेंगे किसान

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 22 Jun 2021 06:38 PM (IST)

    गौरव भारद्वाज हापुड़ किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र बाबूगढ़ में उत्कृ ...और पढ़ें

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    फसल के साथ बीज की भी पैदावार करना सीखेंगे किसान

    गौरव भारद्वाज, हापुड़ :

    किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र बाबूगढ़ में उत्कृष्ट केंद्र खोला जाएगा। वहां किसानों को खाने के लिए फसलें नहीं बल्कि बीज तैयार करना सिखाया जाएगा। किसान खेतों में बासमती धान की पैदावार ही नहीं करेंगे, बल्कि इसकी ग्रेड का भी निर्धारण कर सकेंगे। जैविक धान की खेती की पैदावार का भी सही दाम मिलेगा। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने पर किसानों को फसल के अच्छे दाम मिलने के साथ ही रोजगार के साधनों में भी बढ़ोतरी होगी।

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    जिले में गन्ने और गेहूं के बाद धान की पैदावार सबसे अधिक होती है। बासमती धान को भी जिले के किसान प्रमुखता से बोते हैं। बासमती धान बोया तो जाता है, लेकिन इसके लिए जिले में कोई बाजार नहीं है। पिछले साल तो किसानों को अपना बासमती धान कौड़ियों के दाम में धान क्रय केंद्रों पर ही बेचना पड़ा था। सामान्य हालात होने पर भी किसान धान को बाजार में बेचते हैं। किसान धान का बीज 100 रुपये प्रति किलो तक मूल्य देकर खरीदते हैं, जबकि फसल 20 रुपये किलो बिकती है। किसान खेत में जो फसल बोते हैं, उसका बीज तैयार नहीं हो सकता है। बाबूगढ़ स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में अब किसानों को बीज की ही खेती करनी सिखाई जाएगी। इसके अलावा जैविक खेती करने वाले किसानों के लिए धान का अंतरराष्ट्रीय बाजार भी तैयार किया जाएगा। केंद्र में बीज रखने के लिए बनाया जाएगा गोदाम : धान के बीज का निर्धारण जैनेटिक करेक्टर से होता है। इसके लिए खेत के पास वाले खेत में भी कोई दूसरी प्रजाति की फसल नहीं होनी चाहिए। खेत में रोगिग यानि दूसरी प्रजाति के पौधे को उखाड़ने और कटाई के समय भी उन्हें मुख्य प्रजाति से अलग करना सिखाया जाएगा। केंद्र में बीज रखने के लिए बीज गोदाम भी बनाया जाएगा। मोबाइल प्रोसेसिग यूनिट भी लगेगी

    तमाम सावधानी बरतने के बाद भी बीज के लिए तैयार की गई फसल में भी पूरी फसल बीज लायक नहीं होती है। इसका निर्धारण करने के लिए एक मोबाइल प्रोसेसिग यूनिट भी लगाई जाएगी। इसमें मशीन बोने लायक और न बोने लायक दाने को अलग कर देगी। बीज को फर्मों को और बाकी दानों को बाजार में बेचा जा सकेगा। बुलाए जाएंगे निर्यातक

    जैविक खेती करने वाले किसानों की फसल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाने के लिए निर्यातकों को बुलाया जाएगा। किसानों को इससे फसल के अच्छे दाम मिलेंगे। कृषि विज्ञान केंद्र के विज्ञानी डॉ. लक्ष्मीकांत सारस्वत के अनुसार किसानों को बीज से बीज की खेती करने को जागरूक किया जाएगा। उत्कृष्ट केंद्र लगने से किसानों की आमदनी बढ़ेगी।