UP News: किसानों की जमीन पर बनेंगे तालाब, 50 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान; जानिए पूरी डिटेल
उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की जमीन पर तालाब बनाने के लिए खेत तालाब योजना चला रही है जिसमें 50% तक सब्सिडी मिलेगी। इस योजना के तहत किसान अपने खेतों में तालाब बनाकर मछली पालन और सिंघाड़ा की खेती कर सकते हैं। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किसान कृषि विभाग में पंजीकरण कराकर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

संवाद सहयोगी, गढ़मुक्तेश्वर। भूजल स्तर में सुधार के लिए प्रदेश सरकार अहम कदम उठा रही है। सरकार की महत्वाकांक्षी खेत तालाब योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तालाबों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन तालाबों को किसानों की जमीन पर बनाया जाएगा। जिस पर सरकार 50 प्रतिशत का अनुदान दे रही है। इन तालाबों में सिंघाड़ा, मत्स्य पालन किया जा सकता है।
भूमि संरक्षण निरीक्षक सतीश चंद्र शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत भूमि संरक्षण अनुभाग द्वारा इस वर्ष जिले में 16 तालाबों को बनाने का लक्ष्य विभाग को मिला है। किसान को अपने खेत में तालाब खुदवाने पर 52500 का अनुदान मिलेगा।
डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा लाभ
उन्होंने बताया यदि किसान अपने खेत में तालाब बनाकर सिंघाड़ा, कमल ककड़ी, मछली पालन अथवा मोती की खेती करना चाहते हैं तो कृषि विभाग की भूमि संरक्षण इकाई में जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। इन तालाब की लंबाई 22 मीटर चौड़ाई 20 मीटर तथा गहराई तीन मीटर होती है।
एक तालाब पर करीब एक लाख पांच हजार का खर्च आता है इसमें से किसान को 50 प्रतिशत का अनुदान 52500 का लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जाएगा। इससे किसान को दोहरा लाभ होगा। इस जल से वह तालाब से अपने खेत की सिंचाई भी कर सकता है तो वहीं जल स्तर भी मेंटेन रहेगा।
पहले आओ पहले पाओ के तहत योजना का लाभ
योजना का पहले आओ पहले पाओ के तहत लाभ दिया जाएगा। इसके लिए किसान को कृषि विभागीय पारदर्शी किसान सेवा योजना पोर्टल पर खेत तालाब के लिए बुकिंग लिंक पर क्लिक कर बुकिंग टोकन जेनरेट करना होगा।
10 दिन के अंदर ऑनलाइन माध्यम से टोकन धनराशि एक हजार रुपये एवं खेत तालाब के लिए बिल अपलोड कराने होंगे। योजना की कुल लागत 1.05 लाख रुपये है। अनुदान का भुगतान डीबीटी के माध्यम से दो किस्तों में किया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए किसान विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करें।
- सतीश चंद्र शर्मा- भूमि संरक्षण निरीक्षक

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