सरकारी पोर्टल में सेंधमारी कर बनाए जा रहे फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र
जागरण संवाददाता हापुड़ प्रदेश भर के विभिन्न जनपदों में फर्जी तरीके से स्वास्थ्य विभाग की साइट ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हापुड़
प्रदेश भर के विभिन्न जनपदों में फर्जी तरीके से स्वास्थ्य विभाग की साइट हैक कर जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने के मामले प्रकाश में आ रहे हैं। अब जनपद में भी फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और आधार कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। कोतवाली क्षेत्र के बुलंदशहर रोड स्थित एक जनसेवा केंद्र का संचालक सरकार द्वारा विकसित सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल और नगर पालिका की आइडी और पासवर्ड हैक कर फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बना रहा हैं। आरोपित द्वारा बनाए गए तीन जन्म प्रमाण पत्रों की जानकारी मिलने पर नगर पालिका अधिशासी अधिकारी ने कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस आरोपित की तलाश में जुटी है।
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ऐसे प्रकाश में आया फर्जीवाड़ा मुख्य सफाई निरीक्षक राजेश कुमार यादव ने बताया कि कोटला मेवातियान निवासी मोहम्मद गुफरान ने पुत्री नाबिया और भंड़ापट्टी निवासी इमरान ने पुत्र फरहान और पुत्री सना का जन्म प्रमाण पत्र एक व्यक्ति की मदद से बुलंदशहर रोड स्थित जनसेवा केंद्र के संचालक शाहनवाज से बनवाया था। शाहनवाज ने सरकार के सीआरएस पोर्टल और नगर पालिका की आइडी-पासवर्ड हैक कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बना दिए। सत्यापन के लिए दोनों उनके पास पहुंचे। जन्म प्रमाण पत्र फर्जी होने पर उनका माथा ठनक गया। जांच में सामने कि जन्म प्रमाण पत्र पर अंकित नंबर अधिक हैं। उन्होंने इसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को देकर यूजर आइडी और पासवर्ड हैक करने की बात कही। इस संबंध में कोतवाली में भी तहरीर दी है।
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हस्ताक्षर तक स्कैन करते हैं मुख्य सफाई निरीक्षक ने बताया कि शातिर पूरी तरह असली जैसा जन्म-मृत्यु प्रमाण और आधार कार्ड बना रहा है। इस कृत्य को अंजाम देने के लिए पहले साइट हैक की जाती है। वहीं जिस सेंटर की साइट होती है वहां पर इंचार्ज के हस्ताक्षर अपलोड होते हैं। ऐसे में शातिर प्रमाण पत्र जारी करने से पहले इंचार्ज का हस्ताक्षर भी अपलोड कर रहे हैं। ताकि देखने वाले को पता न चले कि असली है या नकली।
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घर के भेदी की तलाश में पुलिस कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सोमवीर सिंह ने बताया कि फर्जी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनाने वाले आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। इसके अलावा आरोपित को सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) पोर्टल और नगर पालिका की आइडी और पासवर्ड की जानकारी किसने दी, उसकी भी तलाश की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सीएचसी, पीएचसी और नगर पालिका को आइडी पासवर्ड उपलब्ध कराते हैं। आइडी-पासवर्ड गोपनीय रखा जाता है। सरकारी विभाग के किसी कर्मचारी या अधिकारी की मिलीभगत से ही आरोपित इस धंधे को चला रहा था।

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