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    UP News: गाजियाबाद से वापस लिए जाएंगे हापुड़ के ये सभी आठ गांव, वजह आई सामने

    धौलाना विधायक धर्मेश तोमर ने सीएम योगी से मुलाकात कर क्षेत्र की समस्याओं का समाधान कराने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि हापुड़ जिला बनने के बाद भी कुछ गांव पिलखुवा से जुड़े हैं जिससे लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। उन्होंने पिलखुवा में फायर स्टेशन बनवाने और कुछ गांवों को जिले में शामिल कराने की मांग की। विधायक तोमर ने भौगोलिक स्थिति पर विचार करने का भी अनुरोध किया।

    By mukul mishra Edited By: Monu Kumar Jha Updated: Thu, 28 Aug 2025 12:42 PM (IST)
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    विधायक धर्मेश तोमर ने सीएम योगी आदित्यनाथ से की मुलाकात। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, धौलाना (हापुड़)। धौलाना तहसील क्षेत्र के आठ गांव पिलखुवा से सटे हुए हैं। जिनका हापुड़ जिला बनने से पहले ही थाना पिलखुवा लगता था। अब जिला बनने के बाद भी वह गांव पिलखुवा के ही संपर्क में हैं।

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    जबकि वह धौलाना तहसील क्षेत्र में पड़ते हैं। ऐसे में लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं पिलखुवा में फायर स्टेशन नहीं है। इन परेशानियों को लेकर धौलाना विधानसभा विधायक धर्मेश तोमर ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर समस्याओं का समाधान कराने को ज्ञापन सौंपा।

    ज्ञापन सौंपते हुए धर्मेश तोमर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अवगत कराया कि हापुड़ को 2011 में गाजियाबाद जिले से विभाजन कर जिला बनाया गया था। जल्दबाजी में भौगोलिक रूप से कोई विचार नहीं किया था।

    वहीं यहां के रहने वाले लोगों से भी उनका मंतव्य भी नहीं लिया गया था। उन्होंने बताया कि उनका विधानसभा एक मात्र ऐसा क्षेत्र है जो गाजियाबाद और हापुड़ दोनों जिलों के अंतर्गत आता है।

    पिलखुवा से सटे हुए गांव जिनका पूर्व में थाना पिलखुवा ही था, आज भी प्रत्येक कार्य हेतु उन गांव के लोगों को पिलखुवा में ही संपर्क करना पड़ता है। उन्होंने इसका समाधान कराने के लिए मांग की है। साथ ही अतरौली, शामली, दतैड़ी, कनकपुर, जोया, मुकीमपुर व महमदपुर-सुजानपुर गांव को जिले में शामिल कराने के लिए मांग की है।

    साथ ही उन्होंने कहा कि पिलखुवा आजाीद के पूर्व से ही हैंडलूम व पावरलूम नगरी रही है। यहां अनेकों औद्योगिक इकाइयां कार्यरत हैं। साथ ही पिलखुवा के निकट धौलाना भी इंस्ट्रीयल क्षेत्र बन हुआ है।

    पूर्व में ही टैक्सटाइल सिटी पिलखुवा में छह हजार वर्ग मीटर भूमि फायर स्टेशन के लिए बिना लागत के फायर स्टेशन को नामांतरित करा दी गई है। उन्होंने उक्त भूमि में आधुनिक स्तर के फायर स्टेशन का निर्माण कराने के लिए मांग की है।