हापुड़ के लोगों को इस बीमारी का खतरा, पॉश इलाकों में भी लार्वा मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग सख्त
हापुड़ में स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू के लार्वा की तलाश में घर-घर जा रही है। सर्वे में गांवों के साथ पॉश इलाकों में भी लार्वा मिले हैं। अब तक 6500 घरों में से 3900 में लार्वा पाए गए हैं और 12 डेंगू के मरीज मिले हैं। जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान भी चलाया गया था पर खास असर नहीं दिखा।

जागरण संवाददाता, हापुड़। स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विभाग की टीम जिले में घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा की तलाश कर रही है। जहां भी लार्वा मिलता है, उसे तुरंत दवा का छिड़काव कर नष्ट किया जा रहा है। अब तक हुए सर्वे में आंकड़े चौंकाने वाले हैं।
गांवों में तो लार्वा मिल ही रहे हैं, इसके अलावा पॉश इलाकों में भी डेंगू के लार्वा बड़ी संख्या में मिल रहे हैं। टीम की रिपोर्ट के अनुसार अब तक करीब 6500 घरों में सर्वे किया जा चुका है। जिसमें से करीब 3900 घरों में लार्वा पनपते पाए गए हैं।
जिले में अब तक 12 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। जिस तरह से सर्वे रिपोर्ट आ रही है, उससे लग रहा है कि यह संख्या और बढ़ सकती है। इसका कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। लोगों को जागरूक करने के लिए जुलाई माह में अभियान भी चलाया गया था।
इसमें स्वास्थ्य विभाग की ओर से लाखों रुपये भी खर्च किए गए थे। अभियान के दौरान विभाग के अधिकारियों ने लोगों को जागरूक करने का दावा किया था। इसके अलावा साफ-सफाई पर जोर देने के साथ ही लगातार दवा का छिड़काव किए जाने का भी दावा किया गया था। लेकिन फिलहाल जिले में इसका कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, शहर में सबसे ज़्यादा लार्वा श्रीनगर, शिवपुरी, न्यू शिवपुरी, पटेल नगर, इंद्रलोक कॉलोनी समेत कई पॉश इलाकों में पाए गए हैं। सोमवार को 210 घरों के 924 कमरों में सर्वे किया गया। इनमें से 91 घरों में लार्वा पाए गए। जिन्हें तुरंत नष्ट कर दिया गया। ऐसे में लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।
ये निर्देश भी दिए गए
बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि सभी छात्र पूरी बाजू की शर्ट, फुल पैंट और छात्राएं सलवार और पूरी बाजू का कुर्ता पहनकर स्कूल आएँ। जिले में गठित रैपिड रिस्पांस टीम को सक्रिय किया जाए। अस्पतालों के डेंगू वार्ड को पूरी तरह व्यवस्थित और क्रियाशील रखा जाए।
लगातार सर्वे किया जा रहा
जिले में प्रतिदिन सर्वे का कार्य किया जा रहा है। जहाँ भी सूचना मिलती है, वहाँ तुरंत टीम भेजकर घरों में जाँच कराई जा रही है। घरों में साफ पानी इकट्ठा न होने दें। कूलर का पानी हफ़्ते में दो बार बदलना चाहिए। गिलासों, फ्रिज की ट्रे, बेकार टायरों आदि में पानी इकट्ठा न होने दें। - सतेंद्र कुमार, जिला चिकित्सा अधिकारी
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