--कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का आयोजन कराने की मांग उठी
संवाद सहयोगी ब्रजघाट चतुर्दशी की संध्या में होने वाले दीपदान के महत्व का उल्लेख करते हुए व्य

संवाद सहयोगी, ब्रजघाट
चतुर्दशी की संध्या में होने वाले दीपदान के महत्व का उल्लेख करते हुए व्यापार मंडल और कांग्रेस पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पौराणिक कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का आयोजन कराने की मांग की।
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिलाध्यक्ष जितेंद्र गोयल और कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष डा.फराहीम ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र भेजे हैं, जिनमें कार्तिक माह की चतुर्दशी की संध्या में दिवंगतों की आत्मा शांति और मोक्ष प्राप्ति को किए जाने वाले दीपदान का विस्तार से उल्लेख किया गया है। व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष जितेंद्र गोयल का कहना है कि एक वर्ष के भीतर जिनकी मृत्यु होती है, उनकी आत्मा शांति और मोक्ष प्राप्ति को स्वजन एवं सगे संबंधियों द्वारा कार्तिक माह की चतुर्दशी की संध्या में दीपदान करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
गोयल का कहना है कि धार्मिक मान्यता के अनुसार महाभारत के विनाशकारी युद्ध में मारे गए असंख्य वीर योद्धा और सगे संबंधियों की आत्मा शांति को सबसे पहली बार भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को साथ लाकर उनसे गढ़ खादर में गंगा किनारे विभिन्न अनुष्ठानों के साथ ही चतुर्दशी की संध्या में दीपदान कराया था। गोयल का कहना है कि इन दिनों बिहार विधानसभा समेत कई राज्यों में उपचुनाव हो रहा है, जिनको लेकर हो रहीं नेताओं की जनसभा में बड़ी तादाद में भीड़ उमड़ रही है और दूसरी तरफ कुंभ के आयोजन को लेकर भी तैयारी का जा रही है। परंतु दूसरी ओर जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण फैलने की आड़ लेकर महाभारत कालीन पौराणिक मेले के आयोजन को रद्द कराने का प्रयास कर रहा है, जो सनातन धर्म के अनुयाइयों की अटूट धार्मिक आस्था पर खुला कुठाराघात है। इसलिए पौराणिक महत्ता को देखते हुए कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का आयोजन कराया जाना बेहद जरूरी है।
एसडीएम विजय वर्धन तोमर का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल इस बार कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले का आयोजन नहीं होगा, परंतु अगर शासन स्तर से कोई आदेश आता है तो फिर उसका पालन किया जाएगा।

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