हापुड़ में डेंगू का कहर, तीन मौतों के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
हापुड़ जिले में बुखार का प्रकोप बढ़ रहा है जिससे अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू से इनकार किया है लेकिन वायरल बुखार के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें हैं और लोग डेंगू को लेकर चिंतित हैं। डॉक्टर लक्षणों और कारणों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।

जागरण संवाददाता, हापुड़। जिले में फैल रहा बुखार अब जानलेवा साबित हो रहा है। अब तक जिले में बुखार से तीन मौतें हो चुकी हैं। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इन मौतों का कारण डेंगू नहीं बताया है। हालात यह हैं कि गांवों से लेकर शहरों तक वायरल बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी अस्पतालों में भी बुखार के मरीजों की लंबी कतार लगी हुई है। वहीं, दूसरी ओर लोगों को डेंगू का डर भी सता रहा है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले 70 फीसदी मरीज वायरल बुखार से पीड़ित हैं।
वायरल बुखार से हर उम्र के लोग प्रभावित हो रहे हैं। हाल ही में शहर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान बुखार से एक बच्चे की मौत हो गई। इसके अलावा दो अन्य लोगों की भी बुखार से मौत हो गई है। मृतकों के परिजनों का कहना है कि उनकी मौत बुखार से हुई है।
हाल ही में काठी खेड़ा में एक बच्ची की मौत के मामले में निजी अस्पताल ने उसमें डेंगू की पुष्टि की थी। जबकि स्वास्थ्य विभाग ने उसमें डेंगू की पुष्टि करने से इनकार कर दिया था। ऐसे में यह बुखार रहस्यमयी बुखार बनकर रह गया है। डॉक्टरों के अनुसार, यह बुखार सामान्य बुखार से थोड़ा अलग है। सामान्य बुखार पाँच से सात दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन वायरल बुखार का असर 10-12 दिन तक रहता है।
सरकारी अस्पतालों में आने वाले बुखार से पीड़ित मरीजों की डेंगू, टाइफाइड, चिकनगुनिया, मलेरिया की जाँच के लिए स्लाइड बनाई जा रही हैं। राहत की बात यह है कि अभी तक डेंगू के केवल 15 मरीज ही मिले हैं। अस्पताल आने वाले हर संदिग्ध मरीज की डेंगू की जाँच की जा रही है।
10 से 12 दिन में आराम
सीएचसी के चिकित्सक डॉ. अशरफ अली के अनुसार, मौसम में बदलाव के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखें। ज़रा सी चूक आपको बीमार कर सकती है। वायरल बुखार ठीक होने में 10 से 12 दिन लगते हैं। जबकि सामान्य बुखार ठीक होने में तीन से पाँच दिन लगते हैं। बुखार के साथ-साथ मरीजों को उल्टी-दस्त की समस्या भी हो रही है। जिससे उनकी परेशानी और बढ़ रही है। ऐसे मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है।
ये हैं लक्षण
- तेज बुखार
- सिरदर्द
- मतली
- कमजोरी
- खांसी
- जोड़ों का दर्द
- उल्टी-दस्त
- सर्दी-गले में दर्द
ये हैं कारण
- प्रदूषण
- दूषित पानी और भोजन का सेवन
- रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी
अपने खान-पान का ऐसे रखें ध्यान
- तले हुए खाने से बचें
- उबली हुई सब्ज़ियाँ, हरी सब्ज़ियाँ खाएँ
- कम से कम तीन लीटर पानी पिएँ
- गुनगुना पानी फायदेमंद है
- दूषित पानी और भोजन से बचें
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