Hapur News: डीआरएम कार्यालय से डाटा लीक का शक, रिटायर रेलवे कर्मचारी से ठगे 10.50 लाख रुपये
हापुड़ में साइबर ठगों ने एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी को 10.50 लाख रुपये की चपत लगाई। ठगों ने व्हाट्सएप पर दस्तावेज भेजकर और योनो ऐप के माध्यम से पिन हासिल कर खाते से पैसे उड़ा लिए। पीड़ित ने मुरादाबाद डीआरएम कार्यालय से डाटा लीक होने का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों की तलाश कर रही है।
केशव त्यागी, हापुड़। साइबर ठगों ने एक बार फिर अपना जाल बिछाकर सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी से 10.50 लाख रुपये ठग लिए। इसे अंजाम देने के लिए पहले साइबर ठगों ने वाट्सएप पर सेवानिवृत्त होने संबंधी दस्तावेज भेजकर उन्हें झांसे में लिया। फिर योनो एप डाउनलोड कराकर उनसे उसमें डेबिट कार्ड का पिन अंकित करा दिया। इसके बाद तीन बार में बैंक खाते से रुपये साफ कर दिए।
आरोप है कि उनके दस्तावेज मुरादाबाद रेलवे के डीआरएम कार्यालय से लीक किए गए हैं। मामले में एसपी के आदेश पर थाना साइबर क्राइम पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में मेरठ रोड स्थित वैशाली कॉलोनी के अरुण शर्मा ने बताया कि कुछ दिन पहले वह रेलवे से सेवानिवृत्त हुए थे। 23 अगस्त की दोपहर उनके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल रिसीव करने पर आरोपित ने स्वयं को रेलवे का अधिकारी बताया। इसके बाद आरोपित ने पीड़ित से पेंशन शुरू करने के लिए कुछ औपचारिकताएं पूरी करने की बात कही।
इसी बीच आरोपित ने पीड़ित के वाट्सएप नंबर पर उनके सेवानिवृत्त होने संबंध दस्तावेज, पेंशन पेमेंट ऑर्डर (पीपीओ) और अन्य विवरण भेजे। गोपनीय जानकारी आरोपित के पास होने के चलते पीड़ित उसके झांसे में आ गए।
इसके बाद आरोपित ने पेंशन प्रक्रिया पूरी करने के लिए एटीएम जाकर एक पर्ची निकालने के लिए कहा। इस पर्ची को पेंशन आर्डर के साथ रेलवे आफिस मुरादाबाद में जमा करने की बात भी की। इसके आरोपित ने पीड़ित से उनके मोबाइल में एसबीआई का योनो एप इंस्टाल करवाया। फिर तीन बार एटीएम में पिन अंकित कराया।
इसके कुछ देर बाद पीड़ित के बैंक खाते से 2.50 लाख रुपये एसटीडीआर (टर्म डिपाजिट), पांच लाख रुपये आदर्श कुमार व तीन लाख रुपये हर्षित तिवारी के बैंक खाते में भेजे गए।
खाते से रुपये ट्रांसफर किए जाने का मैसेज मिलने पर उन्हें ठगी का पता चला। मामले में उन्होंने एसपी से शिकायत की। एसपी ज्ञानंजय सिंह ने बताया कि मामले में थाना साइबर क्राइम पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
डीआरएम कार्यालय से कैसे लीक हुआ डाटा?
पीड़ित ने बताया कि उसके साथ ठगी की घटना बड़े स्तर पर डाटा लीक की ओर इशारा करती है। अंदेशा है कि उसकी गोपनीय जानकारी मुरादाबाद डीआरएम कार्यालय से लीक की गई है।
भारतीय रेलवे देश की सबसे बड़ी नियोक्ता संस्थाओं में से एक है। इसके डाटाबेस में लाखों कर्मचारियों की व्यक्तिगत जानकारी संग्रहित होती है। अगर, यह जानकारी लीक हो रही है, तो यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बन सकता है।
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