वोटर लिस्ट रिवीजन करवाने वाले हो जाएं सावधान! वरना भुगतना पड़ेगा बड़ा खामियाजा
गढ़मुक्तेश्वर तहसील में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान साइबर धोखाधड़ी का खतरा बढ़ गया है। एसडीएम ने लोगों से अपील की है कि वे किसी को भी ओटीपी, पासवर्ड या बैंक खाते की जानकारी न दें। बीएलओ घर-घर जाकर फॉर्म भरेंगे और कोई ऑनलाइन जानकारी नहीं मांगेंगे। संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। सतर्कता ही सुरक्षा है।

गढ़मुक्तेश्वर तहसील में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान साइबर धोखाधड़ी का खतरा बढ़ गया है। फाइल फोटो
अशरफ चौधरी, गढ़मुक्तेश्वर। तहसील क्षेत्र में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य शुरू हो गया है। इस दौरान साइबर जालसाज भी सक्रिय हो सकते हैं। इसलिए सतर्क रहें। एसडीएम और सीओ ने लोगों से अपील की है कि वे फोन पर कोई भी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
मुख्य चुनाव आयोग की ओर से तहसील क्षेत्र में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य शुरू हो गया है। बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) घर-घर जाकर मतदाताओं से मतगणना प्रपत्र भरवाएंगे। साइबर जालसाज अक्सर ऐसे समय में लोगों को अपना शिकार बनाते हैं।
एसडीएम श्रीराम यादव ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपना ओटीपी, पासवर्ड या बैंक खाते का विवरण किसी को न बताकर साइबर धोखाधड़ी से बचें। उन्होंने बताया कि बीएलओ स्वयं फॉर्म भरेंगे। जब वे मतदाताओं से मिलेंगे, तो वे कोई ऑनलाइन औपचारिकता नहीं निभाएंगे और न ही फोन करेंगे। वे कोई ओटीपी या पासवर्ड नहीं मांगेंगे।
मतदाताओं को अपना बैंक खाता नंबर या कोई अन्य संबंधित विवरण देने की आवश्यकता नहीं है। स्तुति सिंह ने लोगों को एसआईआर प्रक्रिया के दौरान साइबर धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह दी। अगर उन्हें कोई भी संबंधित कॉल आती है, तो वे तुरंत अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में पुलिस को सूचित करें।
एसडीएम श्रीराम यादव ने कहा कि अगर किसी मतदाता को किसी भी जानकारी की आवश्यकता हो, तो वे बीएलओ या अपने तहसील कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने जनता से सतर्क रहने की अपील की। एसडीएम ने बताया कि आजकल साइबर अपराधी मोबाइल या व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए लोगों से संपर्क कर सकते हैं, खुद को सरकारी अधिकारी या बैंक कर्मचारी बताकर, उनसे निजी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
ओटीपी या बैंक विवरण प्राप्त करने के बाद, वे तुरंत उनके खातों से पैसे निकाल लेते हैं। उन्होंने बताया कि बीएलओ केवल घर-घर जाकर फॉर्म और जानकारी एकत्र करेंगे। वे किसी भी मोबाइल कॉल या लिंक के माध्यम से कोई वित्तीय जानकारी नहीं मांगेंगे। इसलिए, जनता को किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ फ़ोन पर अपनी व्यक्तिगत या बैंक संबंधी जानकारी साझा नहीं करनी चाहिए।
सावधानी ही सुरक्षा
1. ओटीपी, बैंक खाता संख्या, एटीएम पिन या पासवर्ड किसी के साथ साझा न करें।
2. कोई भी सरकारी अधिकारी फ़ोन पर व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी नहीं मांगता।
3. फर्जी वेबसाइटों या लिंक पर क्लिक करने से बचें।
4. किसी भी संदिग्ध कॉल की तुरंत पुलिस या साइबर सेल को सूचना दें।

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