टारगेट के दबाव और गाली-गलौज से परेशान क्रेडिट कार्ड मैनेजर शशांक ने खाया जहर, एचआर समेत सात पर केस
क्रेडिट कार्ड मैनेजर शशांक ने टारगेट के दबाव और गाली-गलौज से तंग आकर जहर खा लिया। इस घटना के बाद, एचआर विभाग के कर्मचारियों सहित सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और शशांक की हालत गंभीर बनी हुई है।

जागरण संवाददाता, हापुड़। कोतवाली क्षेत्र के फ्रीगंज रोड स्थित एक निजी फाइनेंस कंपनी एचआर और छह अन्य सहकर्मियों के उत्पीड़न से परेशान होकर क्रेडिट मैनेजर के पद पर कार्यरत 32 वर्षीय शशांक भारद्वाज ने जहरीला पदार्थ खाकर जीवन लीला समाप्त कर रही। मामले पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। पुलिस आरोपितों की तलाश कर रही है।
शशांक भारद्वाज प्रीत विहार काॅलोनी के ए-ब्लाॅक में रहते थे और पिछले दो वर्षों से फाइनेंस कंपनी में क्रेडिट मैनेजर के रूप में काम कर रहे थे। उनके स्वजन के अनुसार, शशांक पिछले कुछ महीनों से कंपनी में बढ़ते दबाव से परेशान थे। 21 अक्टूबर की शाम करीब सात बजे उन्होंने घर पर ही जहरीला पदार्थ खा लिया। स्वजन को जब पता चला, तो वह तुरंत उन्हें हापुड़ के एक निजी अस्पताल ले गए। वहां चिकित्सकों ने उनकी हालत गंभीर बताते हुए मेरठ के एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया। मेरठ में चिकित्सकों ने जांच के बाद उन्हें दिल्ली के एक अस्पताल के लिए रेफर किया।
एंबुलेंस में दिल्ली जाते समय शशांक ने अपनी अंतिम सांसों में स्वजन से बात की। उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि कंपनी के एचआर और सहकर्मी विजय शेट्टी, विवेक, मोहन, आनंद शर्मा, पवन भाटी तथा सोनू पाल ने उन्हें लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। शशांक ने बताया कि वह रोज़ गाली-गलौच करते थे, अपमानित करते थे और काम के टारगेट को लेकर धमकाते थे। कंपनी मालिक की शह पर यह सब हो रहा था। मैंने यह अपमान सहन नहीं किया, इसलिए जहर खा लिया। स्वजन ने बताया कि शशांक की यह बातें मोबाइल पर रिकार्ड भी की गई हैं, जो पुलिस जांच में सबूत के रूप में इस्तेमाल हो सकती हैं। दिल्ली पहुंचने से पहले ही एंबुलेंस में शशांक की मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण जहर से होने वाला मल्टी-आर्गन फेलियर बताया गया है।
परिवार की प्रतिक्रिया
शशांक के पिता एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी हैं। उन्होंने बताया कि उनका बेटा हमेशा मेहनती और जिम्मेदार था। शशांक ने एमबीए किया था और कंपनी में अच्छा प्रदर्शन कर रहा था, लेकिन पिछले छह महीनों से टारगेट के नाम पर उसे टार्चर किया जा रहा था। हमने कई बार उसे कंपनी छोड़ने की सलाह दी, लेकिन वह डरता था कि नौकरी चली जाएगी। शशांक की पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं, जो इस घटना से सदमे में हैं। पिता ने मुकदमा दर्ज कराते हुए मांग की कि कंपनी मालिक को भी आरोपी बनाया जाए, क्योंकि उनके बिना यह प्रताड़ना संभव नहीं थी।
काफी मेहनती था शशांक
शशांक को फाइनेंस सेक्टर में करीब आठ साल का अनुभव था। स्वजन ने बताया कि शशांक को हाल ही में प्रमोशन का वादा किया गया था, लेकिन टारगेट न पूरा करने पर उसे डिमोट करने की धमकी दी गई थी। यह घटना फाइनेंस कंपनियों में रिकवरी और लोन डिस्बर्समेंट के दबाव को दर्शाती है, जहां कर्मचारियों को अक्सर अनैतिक तरीकों से काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।
पुलिस कार्रवाई और जांच
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक देवेंद्र सिंह बिष्ट ने पुष्टि की कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। 'एचआर और अन्य छह नामजद आरोपितों की तलाश की जा रही है। शशांक के मोबाइल फोन, ईमेल और कंपनी रिकार्ड की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और गवाहों के बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। पुलिस ने कंपनी आफिस को सील कर दिया है। जल्द ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी।

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