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    फफूंद संक्रमण के रोगियों की बढ़ गई तादाद

    By JagranEdited By:
    Updated: Sun, 30 Jul 2017 08:11 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, हापुड़: बारिश में फंगल इंफेक्शन (फफूंद संक्रमण) का खतरा बढ़ गया है। जरा सी लापरवाह

    फफूंद संक्रमण के रोगियों की बढ़ गई तादाद

    जागरण संवाददाता, हापुड़:

    बारिश में फंगल इंफेक्शन (फफूंद संक्रमण) का खतरा बढ़ गया है। जरा सी लापरवाही होने पर बच्चों से लेकर बड़ों तक की त्वचा में फफूंद संक्रमण हो रहा है। इस मौसम में रोग के खतरे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि नगर के पीएचसी और सीएचसी की ओपीडी में पचास प्रतिशत रोगी इस बीमारी के आ रहे हैं।

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    यह इंफेक्शन कई तरह के फफूंद की वजह से होता है, जिसमें डर्मेटोफाइट्स और यीस्ट प्रमुख है। फफूंद मृत केराटीन में पनपता है और धीरे-धीरे शरीर के नम स्थान जैसे कि पैर की एड़ी, नाखून, जननांगों में फैलता जाता है। स्किन फंगल इंफेक्शन में त्वचा पर सफेद पपड़ी जम जाती है, जिसमें खुजली होती है। ध्यान न देने पर कभी-कभी इनमें बैक्टीरियल इंफेक्शन भी हो जाता है। त्वचा का संक्रमण और चर्म रोग में अंतर है। त्वचा का संक्रमण रोगाणु, जीवाणु, वायरस, बैक्टीरिया, पैरासाइट और फंगल के संक्रमण से होता है। त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. एसके गुप्ता का कहना कि फंगल इंफेक्शन अब सात-आठ माह के बच्चों को भी होने लगा है। लगातार इलाज चलने पर यह बीमारी तीन माह में ठीक हो पाती है। मौजूदा समय में फंगल इंफेक्शन के काफी पीड़ित आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इलाज अधूरा छोड़ने पर मरीज को यह बीमारी फिर चपेट में ले लेती है, इसलिए पूरा इलाज कराना चाहिए।

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    क्या हैं कारण

    -त्वचा का फफूंद संक्रमण नमी में बढ़ता है। बरसाती मौसम, उमस और नमी भरे वातावरण में फंगस का आक्रमण बढ़ जाता है। यही कारण है कि इन दिनों अधिकतर लोग फंगल इंफेक्शन का शिकार होते हैं।

    - फंगल इंफेक्शन की बड़ी वजह रोगी की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना भी है।

    - कवक यानी यीस्ट अक्सर गर्म और नम वातावरण में बढ़ता है। पसीने से तर या गीले कपड़े पहने हुए व्यक्ति को त्वचा संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है। स्किन कटने या फटने पर संक्रमित बैक्टीरिया त्वचा के गहरे परत तक फैल सकता है।

    बचाव व उपाय

    - पैरों को खुले वातावरण में रखना चाहिए।

    - सूती के और साफ मोजे पहनने चाहिए।

    - इंफेक्शन होने पर पानी और सिरका बराबर मिलाकर लगाएं।

    - त्वचा को नमी और गर्म वातावरण से बचाएं।

    - कसे हुए नाइलॉन, पॉलिस्टर आदि के बने कपड़े न पहनें।

    - रोजाना सही तरह से नहाएं।

    - सूखे वस्त्र पहनें।

    - त्वचा को सूखा रखें, ज्यादा समय तक गीला न रहने दें।

    - जरूरत पर एंटी फंगल क्रीम लगाएं और डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

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    फंगल इंफेक्शन से बचाव के लिए साफ सफाई का ज्यादा से ज्यादा ध्यान दें। इन दिनों चिकित्सा केंद्रों पर ऐसे रोगी काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। बरसात में गीले कपड़े और जूते चप्पल न पहनें।

    -डा. प्रवीण शर्मा, डिप्टी सीएमओ, हापुड़