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    धान की फसल का खरपतवार नाशक से करें बचाव

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 15 Jun 2017 07:23 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, हापुड़ : खरीफ में धान की बुवाई शुरू होने में अब कम ही समय बचा है। जुलाई के पहले

    धान की फसल का खरपतवार नाशक से करें बचाव

    जागरण संवाददाता, हापुड़ :

    खरीफ में धान की बुवाई शुरू होने में अब कम ही समय बचा है। जुलाई के पहले सप्ताह में धान की रोपाई शुरू हो जाएगी। इसके लिए धान की बुवाई की जा चुकी है और पौध तैयार होने पर उसकी रोपाई कर दी जाएगी। फिलहाल पौध को खरपतवार से बचाना जरूरी है।

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    जिला कृषि अधिकारी सतीश मलिक ने बताया कि धान की रोपाई कई जगह कर दी गई है। कुछ समय में यह बड़े स्तर पर शुरू हो जाएगी। धान की अच्छी पैदावार पाने के लिए फसल को कीटों और खरपतवार से बचाना जरूरी है। पौध तैयार करने के लिए धान की रोपाई के समय बीज का शोधन और खरपतवार नाशक का प्रयोग करना चाहिए। किसानों को बीज बोने से पहले स्ट्रेप्टोमाहसीन सल्फेट 90 प्रतिशत और टाइडोक्लोराइड 10 प्रतिशत का चार ग्राम प्रति 25 किग्रा बीज में पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करना चाहिए। बीज को रात में रखकर सुबह बुवाई की जानी चाहिए। पौध लगाने के दो दिनों के भीतर ही उसमें प्रेटिलाक्लोर 30.7 प्रतिशत ई सी 500 मिली प्रति एकड़ पांच से सात किग्रा बालू में मिलाकर नर्सरी में छिड़काव करें। रोपाई करने से पहले आठ से दस किग्रा ¨जक सल्फेट प्रति एकड़ आखिरी जुताई के समय प्रयोग करना चाहिए। इससे फसल में खैरा नामक रोग लगने की संभावना नहीं रहती है। जिन किसानों ने रोपाई कर दी है वह खरपतवार नाश करने के लिए प्रेटिलाक्लोर 50 प्रतिशत ईसी 1.6 लीटर प्रति हैक्टेयर का रोपाई के 15 से 20 दिनों के भीतर नमी की स्थिति में प्रयोग करना चाहिए।