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    संसार का सबसे पुराना ग्रंथ ऋग्वेद: शास्त्री

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    Updated: Tue, 17 Mar 2015 12:37 AM (IST)

    पिलखुवा, हापुड़ : रेलवे रोड पर आयोजित प्रवचन में कथा वाचक विरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संसार में सबसे

    पिलखुवा, हापुड़ : रेलवे रोड पर आयोजित प्रवचन में कथा वाचक विरेंद्र शास्त्री ने कहा कि संसार में सबसे पुराना धार्मिक ग्रंथ ऋग्वेद है। यह बात अमेरिका की धर्म संसद में भी मानी गई है। आज के समय में लोगो में यह धारणा बन गई है कि पैसा ही जीवन में सब कुछ है। लेकिन पैसे के पीछे भागने वाले सदैव दुख का सामना करते हैं। भगवान राम का स्मरण ही ऐसे लोगों को बचा सकता है। कार्यक्रम में यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें लोगो ने आहुति डालकर सदैव सुख शांति की प्रार्थना की।

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    कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वेद की ऋचा का स्वाध्याय कर शास्त्र का ज्ञान प्राप्त करना श्रेष्ठ कार्य है। वहीं सुपात्र ब्राहमण को दान देने वाला मनुष्य अश्वमेध यज्ञ के फल का भागी होता है। कथा का श्रवण व कीर्तन मनुष्यों के लिए कल्पवृक्ष के सामान फल देने वाला है। स्वर्ग व नरक, पुण्य व पाप के ही दूसरे नाम है। इनमें एक सुख देने वाला और एक दुख देने वाला है। ये सुख दुख मन के ही विकार है और ज्ञान ही ब्रह्मा है। ज्ञान ही तात्विक बोध का कारण है। उन्होंने कहा कि जो मनुष्य प्रात व सायंकाल में शिव का स्मरण करता है। वह माहेश्वर को प्राप्त कर लेता है।

    इस अवसर पर शांति प्रकाश आर्य, सुभाष चंद आर्य, मिथलेश, अंकिता, आशू, विशाल, विकास, शिवम व योगेश आर्य उपस्थित थे।