UP Flood: बाढ़, बर्बादी और फिर चर्चा में राहत सामग्री, पहले कूड़ा गाड़ी में खाना बांटा और अब दे रहे सड़े आलू
हमीरपुर में बाढ़ की वजह से हजारों लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा। इनके लिए सरकार की ओर से राहत सामग्री के आदेश दिए गए हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन उनकी बाढ़ पीड़ितों की पीड़ा कम करने की बजाय बढ़ा रहा है। पहले कूड़ा गाड़ी में खाना बांटा और अब राहत सामग्री में सड़े आलू देने के लिए आए हैं।

जागरण संवाददाता, हमीरपुर। बाढ़ की विभीषिका से जूझने वाले पीड़ितों को राहत सामग्री और खाने का सामान मरहम की जगह जख्म दे रहे। कूड़ा गाड़ी में खाना बांटने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि अब राहत सामग्री में सड़े आलू दिए जा रहे हैं। इसको खाने से बाढ़ पीडि़त बीमार भी हो सकते हैं। वहीं, जिम्मेदार इससे अनजान हैं।
बीते दिनों आई बाढ़ से कई घर तबाह हो गए थे और कई लोगों की गृहस्थी का सामान बाढ़ के पानी में बह गया था। ऐसे लोगों को कुछ दिनों तक आश्रय स्थलों में ठहराया गया था और उसके बाद उन्हें राहत किट वितरित कर घर भेज दिया गया था। बाढ़ पीड़ितों को लगातार चिन्हित कर जिला प्रशासन के द्वारा राहत किट का वितरण कराया जा रहा है। ताकि वह सुबह शाम का भोजन कर सकें। लेकिन अब इस कार्य में जिम्मेदार लोग लापरवाही बरत रहे हैं।
मंगलवार को दैनिक जागरण टीम के द्वारा की गई पड़ताल में यह लापरवाही उजागर हो गई। मंगलवार को दैनिक जागरण टीम ने श्री विद्या मंदिर इंटर कालेज पहुंचकर बाढ़ पीड़ितों को दी जाने वाली किट का जायजा लिया। इस किट में सब्जी, दाल, तेल, बाल्टी, आटा, चावल के साथ आलू भी दिए जा रहे हैं। लेकिन कुछ किटों के आलू पड़ताल में सड़े गले मिले। इतना ही नही इन आलू की सड़ांध भी लोगों को बेहाल कर रही थी। वहां मौजूद कर्मचारियों से जब पूछा गया तो उन्होंने बताया कि तहसील से उन्हें जो सामान देने के लिए भेजा गया, वह उसे लेकर चले आए। आलू सड़े हैं इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सोचना चाहिए।
सड़े हुए आलू खाने से बीमार हो सकते हैं बाढ़ पीड़ित
बाढ़ पीड़ितों को यदि इस तरह से सड़े हुए आलू का वितरण कर दिया गया तो वह इसके खाने से बीमार भी हो सकते हैं। यह लापरवाही बाढ़ पीड़ितों की जिंदगी से भी खिलवाड़ कर रही है। इस पर उच्चाधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है।
अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नही मिली है। वैसे आलू 10 से 15 दिन में खराब हो जाता है यदि खुले में उसे न रखा जाए। वितरण से पहले भी इसे देख लिया जाता है। यदि कोई चीज खराब है तो उसे हटा दिया जाता है।
केडी शर्मा, सदर एसडीएम, हमीरपुर।
कूड़ा गाड़ी में बांट दिया था खाना
दो अगस्त को नगर पंचायत की कूड़ा ढोने वाली गाड़ी में ईओ व चेयरमैन द्वारा बाढ़ पीड़ितों को खाना वितरण किया गया था, जिसकी लोगों ने आलोचना की थी। इंटनेट मीडिया पर भी इसे प्रचलित करते हुए लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी थीं। मामला तूल पकड़ते देख ईओ ने चालक रोमी की संविदा समाप्त करके उसे बर्खास्त कर दिया, जिससे सभी संविदा कर्मियों में आक्रोश पनप गया है। संविदा कर्मी आंदोलन की रूपरेखा बना रहे हैं। चालक के बर्खास्त होने के बाद कस्बे के समाजसेवी कृष्णकांत सिंह ने पूरे प्रकरण की शिकायत जिलाधिकारी से करते हुए अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए हैं। इस संबंध में नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी दिनेश आर्य ने बताया कि चालक बगैर आदेश के गाड़ी लेकर गया था। उसको बर्खास्त करके स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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