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    पुलिस से बेजा रहम की आस, फूल सी बेटी बन गई लाश

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Sun, 11 Sep 2016 11:19 PM (IST)

    बेबस मां और बदहवास दादी सुबूत के तौर पर दर्द से तड़पती फूल सी बच्ची को थाने ले गई थी। पुलिस तब तक अड़ी रही जब तक बच्ची ने दम नहीं तोड़ दिया।

    हमीरपुर (जेएनएन)। वह एक मां थी। पुलिस से न इंसाफ मांगने गई थी न सुरक्षा। वह तो उस मासूम बेटी की जिंदगी की भीख मांग रही थी, जो पल-पल मौत के आगोश में समाए जा रही थी। बेबस मां और बदहवास दादी ये भी नहीं भूलीं कि पुलिस सुबूत मांगती है। सुबूत के तौर पर वह दर्द से तड़पती फूल सी बच्ची को ले गई थी। थाने की देहरी पर सिर पटकर गुहार लगाई कि इसके निर्दोष ताऊ को छोड़ दो तो ये बच्ची इलाज को अस्पताल पहुंच जाए। मगर सिर्फ अपनी सनक और खाकी वर्दी के गुरूर में पुलिस तब तक अड़ी रही जब तक बच्ची ने दम नहीं तोड़ दिया।

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    बेटी का शव ले जाने के लिए बाप ने मांगी भीख

    बच्ची की मौत के बाद उसकी दादी व मां ने पुलिस की शर्मसार कर देने वाली बात बताई है। गुरुवार रात ग्यारह बजे बच्ची की दादी मीना देवी व बच्ची की मां रूपा देवी उसे लेकर थाने पहुंची थीं। दोनों महिलाएं बच्ची की हालत थानाध्यक्ष को दिखाकर रो-रो कर यही कह रही थीं कि आप शैलेंद्र को जाने दो। बच्ची के इलाज के बाद वह थाने आ जाएगा, लेकिन पुलिस का दिल नहीं पसीजा। पुलिस कर्मियों ने महिलाओं को थाने से भगा दिया। वह बच्ची को लेकर कुरारा से करीब 20 किलोमीटर दूर कदौरा अपने घर वापस लौट आईं और तड़के चार बजे साक्षी ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया। शुक्रवार सुबह शैलेंद्र ने घर फोन किया तो पता चला कि उसकी बच्ची की मौत हो गई। उसने पुलिस वालों से कहा, अब तुम्हारी मंशा पूरी हो गई। पुलिस को जैसे ही पता चला कि बच्ची की मौत हो गई है तो उसने दोनों को रिहा कर दिया।

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    आरोपी की तरह थाने में हुआ बर्ताव

    शैलेंद्र सिंह ने बताया कि घर से पुलिस यह कह कर ले गई थी कि पांच मिनट में पूछताछ के बाद छोड़ दिया जाएगा, लेकिन थाने में उसके साथ आरोपी जैसा व्यवहार किया गया। उसके भाई को भी थाने में बैठा लिया गया। सुबह पुलिस ने यह कह कर छोड़ दिया कि आप से पूछताछ हो गई है। आप बेगुनाह हैं घर जाइए। कुरारा पुलिस ने लहरा गांव निवासी जयकरन व कदौरा निवासी छोटू की शिकायत के आधार पर शैलेंद्र को पकड़ा गया था। थाने में जयकरन व छोटू ने भी पुलिस के सामने यह कहा था कि शैलेंद्र का अनूप की गुमशुदगी से कोई लेना-देना नहीं है।

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    जांच चल रही

    एएसपी हमीरपुर बृजेश कुमार मिश्रा ने बताया कि कुरारा एसओ भगवती प्रसाद मिश्रा शैलेन्द्र को दुकान से लेकर आए थे। दवा लेने जाने की बात झूठी है। शनिवार को वादी के घर गए थे, लेकिन वे लोग मिले नहीं। वह सामने आएं, अपना पक्ष रखें तो मामला साफ हो सकेगा। जांच चल रही है। बृजेश मिश्र इस मामले के जांच अधिकारी भी हैं। डीआइजी चित्रकूट धाम मंडल ज्ञानेश्वर तिवारी ने बताया कि एसपी को निर्देश दिए थे कि एडीशनल एसपी को मौके पर भेजकर जांच कराएं। वैसे हमसे यह बात छिपाई गई कि पीडि़त महिला बच्ची को लेकर रात में थाने पहुंची थी। यह सच है तो वाकई मामला गंभीर है।