UP News: कोतवाली में बंद आरोपित ने कांच के टुकड़े से खुद को किया जख्मी, स्वजन के हंगामे से लगी भीड़
हमीरपुर में अपहरण के आरोपी पुष्पेंद्र ने हवालात में कांच के टुकड़े से आत्महत्या का प्रयास किया। परिजनों ने दारोगा पर रिश्वत मांगने और चाकू मारने का आर ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, हमीरपुर। किशोरी को ले जाने के मामले में अपहरण और पाक्सो एक्ट में पकड़े गए आरोपित ने गुरुवार को अपने पेट में टूटे कांच के टुकड़ा मार लिया। जब इसकी जानकारी स्वजन को हुई तो उन्होंने कोतवाली में हंगामा किया। स्वजन का आरोप है कि दारोगा चार दिनों से युवक को छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये की मांग कर रहा था और न देने पर बुधवार को उसे हवालात के अंदर चाकू मारा गया, जिससे वह घायल हो गया।
सदर कोतवाली के अमिरता गांव निवासी पुष्पेंद्र पुत्र कमलेश तीन माह पूर्व एक किशोरी को बहला कर ले गया था। जिसके विरुद्ध अपहरण व पाक्सो एक्ट का मामला दर्ज है। पुलिस ने चार दिन पूर्व इन दोनों को तलाश लिया था। जिसके बाद किशोरी के कोर्ट में बयान कराए गए और आरोपित को हवालात में डाल दिया गया।
पुष्पेंद्र की मां नवल देवी का आरोप है कि पकड़े के बाद से ही विवेचना करने वाला दारोगा पुष्पेंद्र को छोड़ने के एवज में एक लाख रुपये की मांग कर रहा था। वह लोग गरीब हैं। मांग पूरी न करने पर गुरुवार को उसके पुत्र को हवालात में बंद करके चाकू मारा गया है। जिससे उसके चोटें आईं हैं। इस बात की जानकारी होने पर वह लोग कोतवाली पहुंचे तो कोई सही जवाब नहीं दिया गया। इस पर स्वजन ने हंगामा खड़ा कर दिया।
जिसकी वजह से कोतवाली के बाहर भी मजमा लग गया। हंगामा देख एक दारोगा भी वहां से भाग निकला। जिसे कोतवाल ने बाद में फटकार लगाई। इस संबंध में कोतवाल राकेश कुमार का कहना है कि आरोपित के विरुद्ध अपहरण और पाक्सो एक्ट का मुकदमा लिखा गया है।
किशोरी के कोर्ट में बयान हुए हैं। बयान के बाद उसे उसके स्वजन को सिपुर्द कर दिया गया। अब शुक्रवार को बयानों का अवलोकन होगा, उसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। स्वजन दबाव बनाने की नीयत से गलत आरोप लगा रहे हैं।
वहीं कोतवाल ने बताया कि पुष्पेंद्र ने आंधी के कारण कोतवाली की खिड़की के टूटे कांच से अपने पेट में वार किया था, जिससे उसे खरोंच आई है। जिसकी अस्पताल में इलाज कराया गया है। चाकू मारने की बात गलत है। स्वजन दबाव बनाकर पुष्पेंद्र को छुड़ाने की फिराक में थे। जिसके चलते गलत आरोप लगा रहे हैं।

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