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    सीएमओ कार्यालय में भ्रष्टाचार उजागर, मेडिकल क्लेम के नाम पर मांगा सुविधा शुल्क, लिपिक को एंटी करप्शन ने रिश्वत लेते पकड़ा

    By Rajeev Trivedi Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Fri, 18 Jul 2025 08:35 PM (IST)

    बांदा से आई आठ सदस्यीय एंटी करप्शन टीम ने शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय के चिकित्सा प्रतिपूर्ति पटल में तैनात लिपिक व एक आउटसोर्सिंग कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया। घटना से कार्यालय के अन्य कर्मचारियों में मची खलबली। थाना सुमेरपुर ले जाकर दोनों आरोपितों से पूछताछ करने में टीम जुटी है।

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    सीएमओ कार्यालय के लिपिक को एंटी करप्शन ने 21 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा।

    जागण संवाददाता, हमीरपुर। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के नाम पर 21 हजार रुपये की रिश्वत मांगने वाले मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात एक लिपिक को बांदा से आई एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। इस दौरान टीम ने एक आउटसोर्स कर्मचारी को भी दबोचा लिया। टीम को इनकी अलमारी से रिश्वत में मिली नकदी भी बरामद हुई।

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    टीम दोनों को लेकर सीधे सुमेरपुर थाने पहुंची। जहां कंप्यूटर आपरेटर के पद पर तैनात आउटसोर्स कर्मचारी को छोड़ दिया गया और लिपिक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद टीम लिपिक को लेकर बांदा रवाना हो गई है।

    सदर कोतवाली के रमेड़ी मोहल्ला में ओम टेंट हाउस के पीछे रहने वाले उदय नारायण साहू ने एंटी करप्शन टीम बांदा से शिकायत की थी कि मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात लिपिक पुष्पेंद्र सिंह चिकित्सा प्रतिपूर्ति (मेडिकल क्लेम) के नाम पर उससे 21 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है और काम नही कर रहा है। जिसके बाद टीम ने इस मामले में रिश्वतखोरी लिपिक को गिरफ्तार करने की रणनीति तैयार की।

    शुक्रवार को सीएमओ कार्यालय में एंटी करप्शन टीम ने छापा मारकर शिकायतकर्ता से रिश्वत लेते रंगोहाथों लिपिक पुष्पेंद्र सिंह के साथ आउटसोर्स से तैनात कंप्यूटर आपरेटर दीपक यादव को पकड़ लिया। टीम ने दोनों कर्मचारियों को उनके पटलों से उठाकर सीधे बोलेरो में लादा और सुमेरपुर थाने निकल गई। टीम की इस कार्रवाई से कार्यालय में मौजूद अन्य लोगों के बीच खलबली मच गई।

    अन्य पटलों पर कार्यरत कर्मचारी भी हक्के-बक्के रह गए। बाद में टीम दोनों कर्मचारियों को लेकर सुमेरपुर थाने पहुंची। इस संबंध में एंटी करप्शन टीम के प्रभारी जाकिर हुसैन ने बताया कि जांच में आउटसोर्स से तैनात कंप्यूटर आपरेटर दीपक यादव दोषी नहीं मिला है, जिसे थाने से रिहा कर दिया गया है।

    टीम की हिरासत में मौजूद लिपिक पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि रिश्वत का रुपया में सबकी हिस्सेदारी थी। टीम ने रिश्वत में लिए गए 21 हजार रुपए लिपिक की अलमारी से बरामद किए हैं। थाना सुमेरपुर में आरोपी कर्मचारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। लिपिक मूलरूप से मैनपुरी जनपद का निवासी है। जो वर्ष 2021 से यहां तैनात चिकित्सीय प्रतिपूर्ति पटल को देख रहा था।

    कार्रवाई के बाद कार्यालयों में मची खलबली, रहा चर्चा का विषय

    कार्रवाई के बाद कार्यालय के अन्य कर्मचारियों के बीच खलबली मच गई और तैनात कर्मचारी एक दूसरे से घटना के बारे में पता करते नजर आए। जिस तरह से टीम कार्यालय में दाखिल हुई। उससे कोई कुछ भी नही समझ पाया और खेल हो गया।