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    UP में कुत्ते का विवाद पहुंचा थाने, पुलिस ने लिया ये एक्शन तो बच्चों ने छोड़ा खाना-पानी

    Updated: Mon, 13 Oct 2025 05:14 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में कुत्ते को लेकर दो परिवारों में विवाद हो गया, जिसके कारण मामला पुलिस थाने तक पहुंच गया। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाने की कोशिश की। इस विवाद का बच्चों पर इतना गहरा असर हुआ कि उन्होंने खाना-पानी तक छोड़ दिया।

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    संवाद सहयोगी,हमीरपुर। कुत्ते के विवाद का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया। जहां एक ही कुत्ते पर दो लोगों ने अपना मालिकाना हक का दावा ठोका है। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों पक्ष पुलिस थाने पहुंच गए। पुलिस ने कुत्ते को अस्थायी हिरासत में ले लिया है और जांच शुरू कर दी है।

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    पुलिस दोनों से उसके होने का प्रमाण पत्र मांग रही हैं। कुत्ते के इस विवाद की खबर से थाने में लोगों की भीड़ जमा हो गई हैं। वहीं कुत्ते का मालिक होने का दावा करने वाले एक पक्ष के बच्चे थाने में रो-रोकर बेहाल हैं और कुत्ते को छोड़ने की गुहार पुलिस कर्मियों से लगा रहे हैं।

    शिकायत देकर कही ये बात

    थाना सुमेरपुर के कुंडौरा निवासी किसान श्रीपत कुशवाहा ने पुलिस को शिकायती पत्र देकर बताया कि उसके पालतू लेब्रा डाग को कस्बा सुमेरपुर के वार्ड संख्या 16 निवासी घनश्याम चुपके से खोलकर गांव से अपने साथ ले आया है। वहीं घनश्याम का कहना है कि उसका पालतू लेब्रा डाग एक पखवारे पूर्व लापता हो गया था उसे जानकारी मिली थी कि वह कुंडौरा गांव में है वहां जाकर देखा तो वह श्रीपत कुशवाहा के दरवाजे बंधा हुआ था जिसको लेकर वह आ गया। मामला इतना उलझ गया कि घनश्याम जब उसे कुत्ते को भूरा नाम से पुकारता है तो वह उसके पास भगा चला जाता है।

    वहीं, श्रीपत कुशवाहा जब उसे शेरु नाम से पुकारता है तो वह उसके आगे पीछे पूछ हिलाकर घूमने लगता है। इससे संदेह होने लगता है कि यह लेब्रा डाग किसका है। पुलिस असली मालिक के लिए उसके पालने के अन्य सबूत मांगे हैं। कुंडौरा गांव निवासी किसान श्रीपत कुशवाहा का दावा है कि उसने जिस पशु डाक्टर से बचपन से लेकर अब तक उपचार कराया है उसे साक्ष्य के तौर पर ला सकता है।

    पुलिस ने डाक्टर को बुलाने के लिए कहा है। मंगलवार को डाक्टर थाने में जाकर बताएंगे कि वह लेब्रा डाग श्रीपत का है अथवा नहीं। इस तरह घनश्याम से भी अन्य सबूत मांगे गए हैं। फिलहाल लेब्रा डाग को पुलिस संरक्षण में थाने पर रखा गया है। थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया कि दोनों के दावों की जांच की जा रही है। दोनों से अन्य सबूत मांगे गए हैं। जिसके सबूतो में दम समझ में आएगा। जांच के बाद कुत्ते को उसी के हवाले किया जाएगा।

    श्रीपत के बच्चों ने छोड़ा खाना-पानी, थाने में रो-रोकर बेहाल

    श्रीपत के बच्चों समेत पूरे परिवार ने थाने में डेरा जमा लिया है। कुत्ता थाने में आने के बाद बच्चों ने खाना पीना भी नही किया और थाने में रो-रोकर अपने कुत्ते की वापसी की गुहार लगा रहे हैं। नन्हे मुन्हें बच्चों को रोता देख वहां भीड़ भी लग रही है। वहीं पुलिस कुत्ते को अपनी हिरासत में लिए हुए हैं।

    नारायणपुर गांव निवासी श्रीपत के मित्र ने व्यवहार में दिया था कुत्ता

    कुंडौरा गांव निवासी श्रीपत को थाना सुमेरपुर के नारायणपुर गांव निवासी उसके मित्र ने व्यवहार में कुत्ता दिया था। जिसका हवाला श्रीपत ने थाने में दिया। जिस पर पुलिस ने उसे भी थाने बुलाया। जहां पर उसने कुत्ता देने की बात कही। लेकिन इसके बाद भी मामला नही खत्म नही हुआ। कुंडौरा गांव के प्रधान अरविंद को भी थाने बुलाकर पुलिस ने पूछताछ की। जिस पर प्रधान ने श्रीपत का कुत्ता होने की बात कही है।

    दोनों पक्ष नही दिखा सके कुत्ते का प्रमाण पत्र

    कुत्ता पालने के लिए मालिक को रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है। लेकिन इस कुत्ते का रजिस्ट्रेशन नही कराया गया। जिसके चलते खुद को मालिक बताने वाले दोनों लोग पुलिस के मांगने पर उसका प्रमाण पत्र नही दिखा सके। जिसके बाद से मामला लटका हुआ है। वहीं पुलिस की हिरासत में कुत्ता थाने में बंधा हुआ है और दोनों परिवार भी मौजूद हैं।