एक सच्चे सूरमा थे क्रांतिकारी राजगुरु
संस भरुआ सुमेरपुर वर्णिता संस्था के तत्वावधान में शिवराम हरि राजगुरु की जयन्ती मनाई गई।

संस, भरुआ सुमेरपुर : वर्णिता संस्था के तत्वावधान में शिवराम हरि राजगुरु की जयन्ती मनाई गई। संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये कहा कि राजगुरु सही मायने मे भारत मां के समर्पित सूरमा थे। जिनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। राजगुरु का जन्म 24 अगस्त 1908 के पुणे के खेडा गांव बाम्बे प्रेसीडेंसी मे हरिनारायण के घर हुआ था। अंग्रेजों ने न्याय का नाटक कर 23 मार्च 1931 को भगत सिंह और सुखदेव के साथ राजगुरु को मात्र 22 वर्ष की उम्र मे फांसी पर लटका दिया। इस दौरान अवधेश कुमार, राजकुमार सोनी, रामशरण शिवहरे, वृन्दावन गुप्ता, अशोक अवस्थी, रमेशचंद्र गुप्ता मौजूद रहे।
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