Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गोरखनाथ मंदिर से हुआ योगानंद में अध्यात्म का बीजारोपण, 'योगभूमि' के निर्माण की नींव रखने के बाद बोले सीएम योगी

    Updated: Mon, 12 May 2025 08:37 AM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परमहंस योगानंद की जन्मभूमि पर योगभूमि के निर्माण की नींव रखी। उन्होंने योगानंद और गोरखनाथ मंदिर के गहरे रिश्ते पर प्रकाश ...और पढ़ें

    Hero Image
    परमहंस योगानंद की जन्मस्थली स्थित स्मृति स्थल के शिलान्यास कार्यक्रम में संबोधित करते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। सौ.सूचना विभाग

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। परमहंस योगानंद के जन्म के 132 वर्ष बाद उनकी जन्मभूमि पर 'योगभूमि' के निर्माण की नींव रखने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योगानंद से गोरखपुर व गोरखनाथ मंदिर के गहरे रिश्ते की विस्तार से चर्चा की। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कहा कि परमहंस योगानंद के मन में योग और आध्यात्म का बीजारोपण बाल्यकाल में गोरखनाथ मंदिर आने-जाने के दौरान हुआ। गोरखनाथ मंदिर के प्रति लगाव का ही परिणाम था कि बाल्यकाल में ही वह संत हो गए और क्रिया योग को दुनिया भर में स्थापित करने में सफल हुए। मात्र 60 वर्ष के जीवन काल में योग के जरिये वैश्विक क्षितिज पर छा गए।

    योगी ने बताया कि योगानंद ने अपनी आत्मकथा के जन्मस्थली के रूप में गोरखपुर का जिक्र पूरे सम्मान के साथ किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में ऐसे ऋषियों, मुनियों, संतों की लंबी परंपरा रही है, जिन्होंने अपनी अपनी साधना की सिद्धि और चेतना के विस्तार से ब्रह्मांड के गूढ़ रहस्यों को भी उद्घाटित कर दिखाया है। 

    इस क्रम में उन्होंंने गुरु गोरक्षनाथ, योगिराज बाबा गंभीरनाथ सहित बंगाल के सिद्ध संतों रामकृष्ण परमहंस, स्वामी प्रवणानंद, लाहिड़ी महाशय आदि को याद किया। योगी ने कहा कि देश के अलग अलग स्थानों पर साधकों की अलग अलग परंपरा रही है, जिन्होंने अपनी साधना से लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का काम किया।

    अमेरिका तक जाएगी मुख्यमंत्री के पहल की गूंज: रविकिशन

    शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद रवि किशन ने कहा कि परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर स्मारक बनाने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल की गूंज अमेरिका तक जाएगी। 

    उन्होंने कहा कि फिल्मों की शूटिंग के दौरान उन्हें यह देखने को मिला है कि योगानंद जी के अनुयायी अमेरिका सहित समूची दुनिया में हैं। ऐसे में योगानंद की जन्मभूमि के विकसित हो जाने के बाद दुनिया भर के पर्यटक इस तीर्थ स्थल पर आएंगे और अपने गुरु की जन्मस्थली पर शीश नवाएंगे।

    योगानंद के अनुयायियों मिल रहा बड़ा उपहार: स्वामी ईश्वरानंद

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत करते हुए योगदा सत्संग साेसाइटी आफ इंडिया के महासचिव स्वामी ईश्वरानंद ने कहा कि मुख्यमंत्री ने दुनिया भर में रहने वाले परमहंस योगानंद जी के शिष्यों व अनुयायियों को एक तीर्थस्थान का बड़ा उपहार दिया है। 

    परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर स्मारक बनवाने का निर्णय लेकर मुख्यमंत्री ने परमहंस योगानंद जी के अनुयायियों को प्रफुल्लित कर दिया है। स्वामी ईश्वरानंद ने परमहंस योगानंद की जीवन यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 5 जनवरी 1893 को गोरखपुर के इसी स्थल पर हुआ, जहां स्मारक बनने जा रहा है। 

    उनके बचपन का नाम मुकुंद घोष था। विश्व को क्रिया योग सिखाने में उनका अविस्मरणीय योगदान है। उन्होंने बतया कि योगानंद जी की आत्मकथा एन आटोबायोग्राफी आफ अ योगी सर्वाधिक बिकने और पढ़ी जाने वाली पुस्तकों में से एक है।

    परियोजना का प्रारूप देखा, डेढ़ वर्ष में पूरा करने का दिया लक्ष्य

    ‘श्री परमहंस योगानंद जन्मस्थली स्मृति भवन’ का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन और शिलान्यास करने के बाद मुख्यमंत्री ने मौके पर इस पर्यटन विकास परियोजना के मॉडल, लेआउट, ड्राइंग मैप का अवलोकन किया। 

    अधिकारियों ने स्मृति भवन के अलग-अलग तल पर बनने वाली व्यवस्थाओं और उपलब्ध होने वाली सुविधाओं की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पूर्ण गुणवत्ता के साथ योग मंदिर के निर्माण कार्य को डेढ़ वर्ष में अवश्य पूरा कर लिया जाए।