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    World Lion Day Special: जंगल के राजा को नहीं भाता है बरसात, जानें- गोरखपुर Zoo के पटौदी व मरियम की ये खास बात

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Wed, 10 Aug 2022 07:16 PM (IST)

    World Lion Day 2022 गोरखपुर चिड़ियाघर के शेर पटौदी व मरियम कीचड़ व पानी से दूर रहना चाहते हैं। उन्हें बारिश बिल्कुल पसंद नहीं है। वहीं मरियम 18 वर्ष से अधिक आयु के बावजूद पूरी तरह स्वस्थ है।

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    World Lion Day 2022: गोरखपुर चिड़िघर के शेर पटौदी व मरियम। फोटो: अभिनव राजन चतुर्वेदी/ट्वीटर @GorakhpurZoo

    गोरखपुर, जितेन्द्र पाण्डेय। अपनी दहाड़ से वातावरण में दहशत पैदा करने वाले जंगल के राजा पानी से डरते हैं। उन्हें बरसात का मौसम पसंद नहीं है। उन्हें स्वच्छता भाती है। इसी लिए वह कीचड़ व पानी दूर रहते हैं और ऐसी जगह रहना व बैठना पसंद करते हैं, जो पूरी तरह सूखी हो।

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    विश्व शेर दिवस को बनाया खास

    बुधवार यानी आज विश्व शेर दिवस के अवसर पर विविध आयोजनों के जरिये गोरखपुर चिड़ियाघर ने इस दिन को खास बनाया। चिड़ियाघर में दो शेर हैं। शेर पटौदी नौ वर्ष का है तो शेरनी मरियम 18 वर्ष से अधिक आयु की है, लेकिन वह पूरी तरह से स्वस्थ है। सामान्य तौर पर चिड़ियाघर में शेरों की औसत आयु ही 15-18 वर्ष है, लेकिन यहां मरियम के स्वास्थ पर निरंतर ध्यान देने का नतीजा है कि वह अभी भी 10-12 किलो तक मांस आसानी से खा लेती है, जबकि शेर पटौदी 12-14 किलो मांस रोजाना खाता है।

    मरियम व पटौदी को भाती है गर्मी

    गर्मी के मौसम से आमतौर पर सभी वन्यजीव बचते हैं, लेकिन मरियम व पटौदी दोनों को गर्मी का मौसम बेहद पसंद हैं। चटक धूप में जहां अन्य वन्यजीव अपने बाड़े में दुबके रहते हैं, वहीं शेर चटक धूप में भी मौसम का पूरी तरह आनंद लेता है। दोनों नमी के बचाव शुष्क स्थलों पर बैठना अधिक पसंद हैं।

    गिर के जंगलों से लाए गए हैं पटौदी व मरियम

    गुजरात में गिर के जंगल शेरों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इस जंगल में 650 से अधिक एशियाटिक शेर हैं। चिड़ियाघर में मौजूद पटौदी व मरियम भी गिर के जंगल के हैं। पटौदी व मरियम को रेस्क्यू करके गिर के जंगलों से गुजरात के जूनागढ़ के सक्करबाग जुलोजिकल पार्क में लाया गया था। वहां से पटौदी व मरियम समेत आठ शेरों को इटावा लायन सफारी लाया गया। उनमें से पांच शेर गोरखपुर चिड़ियाघर को मिलने थे, लेकिन मिले सिर्फ दो। मरियम अवस्था अधिक देखकर चिड़ियाघर प्रशासन यह उम्मीद जता रहा है कि आने वाले दिनों में उसे और भी शेर मिलेंगे।

    दहाड़ से वनराज कराते हैं साम्राज्य का आभास

    गोरखपुर चिड़ियाघर में विभिन्न प्रजाति के 215 से अधिक वन्यजीव है, लेकिन वनराज(शेर) अपनी दहाड़ से चिड़ियाघर को आभास कराते हैं कि जगह कोई भी हो, पर साम्राज्य तो उन्हीं का है।

    चिड़ियाघर में हैं दो एशियाटिक शेर

    चिड़ियाघर के पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि चिड़ियाघर में वर्तमान में दो एशियाटिक शेर हैं। इन्हें शुद्ध शेर कहा जाता है। प्रदेश के अन्य चिड़याघरों में एशियाटिक शेर नहीं है। उत्तर प्रदेश में एशियाटिक शेर या तो गोरखपुर चिड़ियाघर में हैं अथवा इटावा लायन सफारी में। गोरखपुर में मौजूद दोनों शेर पूरी तरह से स्वस्थ हैं। दोनों चिड़ियाघर का विशेष आकर्षण हैं। चिड़ियाघर आने वाले अधिकांश दर्शक तो पटौदी व मरियम को ही देखने आते हैं। यही वजह है कि उनके बाड़े के पास सर्वाधिक भीड़ होती है।