Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    World Cancer Day: हिम्मत और हौसले से हार गया कैंसर, HIV पॉजिटिव महिला ने भी दी बीमारी को मात

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Sat, 04 Feb 2023 10:44 AM (IST)

    World Cancer Day 2023 विशेषज्ञों का कहना है कि कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू है। ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को पान-गुटका तंबाकू आदि खाने से बचने की सलाह दी है। आइए जानते हैं कैंसर के लक्षण व बचाव के उपाय...

    Hero Image
    World Cancer Day: डॉक्टरों ने लोगों को दी तंबाकू खाने से बचने की सलाह। -जागरण

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कैंसर जैसी गंभीर व जानलेवा बीमारी को भी हिम्मत व हौसले से मात दी जा सकती है। परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों यदि खुद और डॉक्टर पर भरोसा है तो यह जंग आसानी से जीती जा सकती है। महराजगंज के सिसवा बाजार की एक महिला एचआइवी पॉजिटिव थीं, उन्हें स्तन कैंसर भी हो गया। लेकिन, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। ऑपरेशन के बाद कुछ दिन फॉलोअप में रहीं। अब उनका कैंसर पूरी तरह ठीक हो चुका है। इनके अलावा कई महिलाओं ने कैंसर को मात दी है और खुशहाल जीवन जी रही हैं। विश्व कैंसर दिवस (चार फरवरी) पर वह अपने डॉक्टर के पास पहुंचीं और धन्यवाद प्रकट किया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इन्होंने भी जीत ली जंग

    मोहनापुर की उमा देवी भी स्तन कैंसर से जूझ रही थीं। 2016 में उन्होंने ऑपरेशन कराया और पूरी तरह ठीक हैं। शारदा देवी को 2019 में स्तन में गांठ हो गई थी। इसका ऑपरेशन उन्हें भारी पड़ा। कुछ दिन के बाद वहां कैंसर हो गया, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। अब पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं। विशेषज्ञों ने लोगों को पान-गुटका, तंबाकू आदि खाने से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू ही है।

    क्यों मनाया जाता है कैंसर दिवस

    कैंसर के बारे में लोगों को जागरूक व शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल चार फरवरी को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय कैंसर नियंत्रण संघ ने 1933 में जेनेवा में यह दिवस मनाया था।

    कैंसर के कारण

    • तंबाकू व उससे बने उत्पादों की लत।
    • लंबे समय तक शराब पीना।
    • जंक फूड व फास्ट का सेवन।
    • आनुवांशिक दोष।
    • शरीर में गांठें बनना।
    • बार-बार एक्स-रे करवाना, मोटापा आदि।

    कैंसर के लक्षण

    • अचानक शरीर का वजन बढ़ना या कम होना।
    • कमजोरी व थकान महसूस होना।
    • त्वचा के नीचे गांठ बनना।
    • बोलने में दिक्कत महसूस होना।
    • बार-बार बुखार आना।
    • भूख कम लगना।

    ऐसे करें बचाव

    • पान, गुटका, पान मसाला, सिगरेट छोड़ दें।
    • शराब से परहेज करें।
    • अधिक वसायुक्त भोजन न करें।
    • जंक फूड व फास्ट फूड के प्रयोग से बचें।
    • नियमित रूप से व्यायाम करें।
    • दिक्कत महसूस होने पर डाक्टर से संपर्क करें।

    मेडिकल कॉलेज में कैंसर रोगियों का प्रतिशत

    • मुख एवं गले का कैंसर- 23
    • गर्भाशय का कैंसर- 18
    • स्तन कैंसर- 13
    • गाल ब्लाडर का कैंसर- 9.5
    • फेफड़े का कैंसर- 9.5

    मेडिकल कॉलेज में वर्षवार कैंसर रोगियों की संख्या

    • 2009- 1001
    • 2010- 4545
    • 2011- 5525
    • 2012- 4948
    • 2013- 6804
    • 2014- 8182
    • 2015- 8790
    • 2016- 7996
    • 2017- 10073
    • 2018- 13291
    • 2019- 13300
    • 2020- 5000 (कोविड काल)
    • 2021- 10553 (कोविड काल)
    • 2022- 11720

    कैंसर से जंग जीत चुके लोगों का सम्मान आज

    सिनर्जी इंस्टीट्यूट आफ कैंसर केयर एंड रिसर्च, पैनेसिया, छात्रसंघ चौराहा में कैंसर दिवस पर शनिवार को दोपहर 12 बजे से सम्मान समारोह व संगोष्ठी 'संकल्प- 2023' का आयोजन किया गया है। डा. आलोक तिवारी, डा. अंजली जैन, डा. सौरभ मिश्रा, डा. गौरव पोपती, डा. आशीष प्रजापति व डा. तारीक अनवर कैंसर से बचाव के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही कैंसर से जंग जीत चुके लोगों को सम्मानित किया जाएगा। यह जानकारी प्रमोद दुबे ने दी है।

    क्या कहते हैं विशेषज्ञ

    • कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. विनायक अग्रवाल ने बताया कि कैंसर अब लाइलाज नहीं है लेकिन इसका उपचार बहुत खर्चीला है। इसलिए उपचार से बेहतर बचाव है। यदि पान-गुटका, जंक फूड, फास्ट फूड आदि से परहेज करें तो कैंसर होने की आशंका न्यून हो जाती है।
    • बीआरडी मेडिकल कॉलेज के कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. राकेश कुमार रावत ने बताया कि सर्वाधिक मामले मुंह एवं गले के कैंसर के आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण तंबाकू या उसके उत्पाद हैं। जिन्हें यह कैंसर है, उनमें से 90 प्रतिशत तंबाकू खाते थे। इससे बचें और नियमित व्यायाम करते रहें।