गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बाजार में बढ़ी गेहूं एवं आटा की कीमत को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) के गोदाम से सीधे गेहूं बेचवाने का निर्णय लिया है। खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के अंतर्गत एफसीआइ गोदाम से फ्लोर मिल को गेहूं बेचा जाएगा। गेहूं लेने वाले फ्लोर मिलों के लिए यह अनिवार्य शर्त होगी कि आटा तैयार कर वे इसे स्थानीय बाजार में ही बेचेंगे। इससे आटा की कीमत में 10 रुपये प्रति किलो तक कमी आने की उम्मीद है। एफसीआइ की ओर से प्रथम चरण का टेंडर निकाल दिया गया है।
गेहूं की कीमत में आएगी गिरावट
वर्तमान में बाजार में आटा की कीमत 40 से 42 रुपये प्रति किलो है। गेहूं भी कुछ दिन पहले तक 3400 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा था लेकिन एफसीआइ की योजना आने के बाद बाजार में गेहूं की कीमत में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल तक कमी आ गई है। गेहूं की उठान शुरू होने के साथ इसमें और कमी आएगी। एफसीआइ 2300 रुपये एवं 2350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं बेचेगा। इससे आटा की कीमत कम होगी।
40 हजार मीट्रिक टन गेहूं की होगी बिक्री
एफसीआइ की ओर से गोरखपुर क्षेत्र में चार चरणों में मिलाकर 40 हजार मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की जाएगी। प्रथम चरण में 12 हजार मीट्रिक टन गेहूं के लिए टेंडर निकाला गया है। मार्च महीने तक चारो चरण पूरा कर लेना है। प्रदेश में करीब 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की बिक्री की जाएगी।
कीमतों पर नियंत्रण के लिए शुरू की गई योजना
खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) का उपयोग हर बार नहीं होता। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण गेहूं की खपत बढ़ गई थी, जिससे स्थानीय बाजार में गेहूं की कीमत भी बढ़ गई। बढ़ती महंगाई को देखते हुए केंद्र सरकार ने एफसीआइ को इस योजना के तहत गोदाम से गेहूं बेचने का निर्देश दिया। गोरखपुर व आसपास के जिलों में पंजाब व हरियाणा से आया गेहूं बेचा जाएगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
एफसीआइ के प्रबंधक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि खुला बाजार बिक्री योजना (घरेलू) के तहत गेहूं की बिक्री के लिए प्रथम चरण का टेंडर कर दिया गया है। 10 फरवरी तक गेहूं का उठान भी कर लेना है। सस्ते दर पर गेहूं मिलने से निश्चित ही आटा की कीमत में भी कमी आएगी।