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    Vitamin-D की कमी से बुजुर्गों की बीमारी से जूझ रहे हैं युवा, विशेषज्ञ बोले- सुबह की धूप से दूर होगी यह समस्या

    By Pragati ChandEdited By:
    Updated: Sat, 23 Jul 2022 04:08 PM (IST)

    Vitamin-D की कमी से युवाओं की हड्डियां कमोर हो रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि हड्डियों को कमजोर करने वाली आस्टियोपोरोसिस की बीमारी 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में होती है। लेकिन अब युवाओं में भी यह बीमारी दिख रही है।

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    विटामिन-D की कमी से युवाओं की हड्डियां हो रहीं कमजोर। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। आमतौर पर आस्टियोपोरोसिस की बीमारी 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को होती है। इसमें भी 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसका प्रतिशत ज्यादा होता है। लेकिन हड्डियों को कमजोर करने वाली इस बीमारी की चपेट में अब युवा आने लगे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो रही हैं। इसका सबसे अच्छा स्रोत सुबह की धूप है। लेकिन सुबह नींद में बीत रही है। इसलिए बुजुर्गों की बीमारी से अब युवा ग्रसित होने लगे हैं।

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    दौड़ लगा रहे युवक की जांघ की हड्डी टूटने से विशेषज्ञ भी हैरान

    बेतियाहाता का एक 18 वर्षीय युवक दौड़ लगा रहा था और उसकी जांघ की हड्डी टूट गई। विशेषज्ञ हैरान रह गए। क्योंकि दौड़ने में आमतौर पर पंजों या उंगलियों में फ्रैक्चर हो जाता है। लेकिन जांघ की हड्डी टूटना वह भी बिना गिरे, डाक्टरों को हैरत में डाल दिया। इसी तरह एक 35 वर्षीय महिला छत से नीचे आ रही थीं। मात्र दो सीढ़ी बची थी, वह अचानक गिर गईं और उसकी जांघ की हड्डी टूट गई। जब इन दोनों की बोन मिनरल डेंसिटी (बीएमडी) जांच कराई गई तो टी स्कोर -2.5 से नीचे आया। इसका मतलब हुआ कि हड्डियों में कैल्शियम की कमी तो है ही, उनकी बनावट भी बिगड़ रही है।

    सुबह की धूप से मिलती है Vitamin-D

    विशेषज्ञों के अनुसार विटामिन डी की कमी से ऐसा हो रहा है। यह विटामिन सर्वाधिक सुबह की धूप से मिलती है। युवाओं की सुबह नींद में बीत रही है। कैल्शियमयुक्त भोजन भले किया जाए लेकिन यदि शरीर में विटामिन डी कम है तो कैल्शियम को शरीर आत्मसात नहीं कर पाता। इस वजह से हड्डियां कमजोर हो रही हैं।

    बीएमडी जांच के बारे में जानें

    बीएमडी जांच को टी स्कोर में देखा जाता है। टी स्कोर यदि 0 से -1 तक है तो सामान्य माना जाता है। यदि -1 से -2.4 तक है तो यह आस्टियोपीनिया का लक्षण है। इसका मतलब हड्डियों में कैल्शियम की कमी हो रही है। यदि यह स्कोर -2.5 या इससे नीचे चला गया तो इसका मतलब हड्डियां कमजोर हो गई हैं और उनका प्राकृतिक ढांचा अपना स्वरूप बदल रहा है। इसे आस्टियोपोरोसिस कहते हैं।

    सुबह जल्ही उठें और टहलें

    बीआरडी मेडिकल कालेज के हड्डी रोग विभाग के अध्यक्ष डा. पवन प्रधान ने बताया कि सप्ताह में दो-तीन युवा आ ही जाते हैं, जिनका दौड़ते समय या गिरने से हड्डियां टूट गई होती हैं। युवाओं व सभी आयु वर्ग को चाहिए कि सुबह जल्दी उठें और टहलें। इस दौरान धूप से मिलने वाली विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में शरीर को मिल जाती है।

    विशेषज्ञ बोले

    हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. इमरान अख्तर ने बताया कि आमतौर पर युवाओं में आस्टियोपोरोसिस नहीं होता है लेकिन इधर कुछ दिनों ऐसे युवा आ रहे हैं, जिनकी हड्डियां कमजोर हैं। वे सुबह की धूप नहीं ले रहे हैं, इसलिए उन्हें विटामिन डी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रही है। इससे हड्डियां कमजोर हो रही हैं।