Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कानों में घंटी व सीटी बजने की आ रही आवाजें तो हो जाएं सतर्क, इस बीमारी के हो सकते हैं संकेत

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Fri, 11 Nov 2022 09:35 AM (IST)

    कानों में अजीब सी आवाजें आ रही हैं तो सतर्क हो जाएं। ऐसा होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। गोरखपुर जिला अस्पताल में ऐसे रोगी प्रतिदिन आ रहे हैं जिनके कानों में सनसनाहट सीटी व घंटी बजने की आवाजें आ रही हैं। आइए जानते हैं डॉक्टरों की सलाह...

    Hero Image
    कान में घंटी व सीटी बजा रहा वायरल इंफेक्शन। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    गोरखपुर, जागरण संवाददाता। तेज बुखार के रोगी, कम सुनाई देने की समस्या भी लेकर जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। कान में सीटी या घंटी बजने, सनसनाहट, भारीपन की समस्या भी आ रही है। हालांकि यह समस्या बहुत कम रोगियों में मिल रही है। लेकिन जिनमें मिल रही है, उनमें से ज्यादातर पूर्व में कोविड संक्रमित भी हो चुके हैं। विशेषज्ञ इसे वायरल इंफेक्शन का दुष्प्रभाव बता रहे हैं। किसी भी तरह के वायरस के इंफेक्शन की वजह से यह हो सकता है। इसे टीनीटस कहते हैं। 60 प्रतिशत लोगों में यह समस्या स्वत: ठीक हो जाती है। 40 प्रतिशत को उपचार कराना पड़ता है। 20 प्रतिशत लोगों में यह उपचार के बाद भी पूरी तरह ठीक नहीं हो पाती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह हो सकती है वजह

    जिला अस्पताल में माह के शुरुआत में ऐसे रोगियों की संख्या प्रतिदिन दो-तीन हुआ करती थी, इस समय प्रतिदिन पांच-छह रोगी इस समस्या को लेकर पहुंच रहे हैं। इनमें से कुछ में बुखार के साथ ही सुनाई कम देने या कान में सीटी बजने की दिक्कत है तो कुछ में बुखार ठीक होने के बाद यह समस्या आई है। बुखार ठीक होने के बाद जिन लोगों को यह दिक्कत हुई है, वे नाक कान गला रोग विभाग व शेष मेडिसिन ओपीडी में उपचार करा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह वायरस का ही इंफेक्शन है, इसकी वजह कोरोना या अन्य वायरस भी हो सकता है।

    क्या कहते है विशेषज्ञ

    • जिला अस्पताल फिजिशियन डॉ. बीके सुमन ने बताया कि वायरल इंफेक्शन की वजह से यह समस्या आती है। बुखार के रोगियों में सेंसेरी न्यूरल हियरिंग लास के मामले बढ़ रहे हैं। माह की शुरुआत में इनकी संख्या दो-तीन होती थी। इस समय पांच-छह रोगी रोज आ रहे हैं। उपचार से उन्हें आराम है।
    • जिला अस्पताल के नाक कान गला रोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक अग्रहरि ने बताया कि वायरस के संक्रमण से कान की नसों को नुकसान होता है। नसें सूखने लगती हैं। समय से उपचार कराने पर यह समस्या खत्म हो जाती है। विलंब करने पर 20 प्रतिशत रोगियों में यह समस्या गंभीर हो जाती है। जो पूरी तरह ठीक नहीं होती है।