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    Vinod Upadhyay: जेल में था दबदबा, डिप्टी जेलर के घर में कराई लूट; व्यवस्था अपने हिसाब चलाने का था शौक

    By Satish pandey Edited By: Aysha Sheikh
    Updated: Sat, 06 Jan 2024 01:08 PM (IST)

    विनोद उपाध्याय को व्यवस्था अपने हिसाब चलाने का शौक था। 2014 में उसने जिला कारागार में दबदबे के चलते डिप्टी जेलर के आवास में लूट कराकर सनसनी फैला दी थी। इस घटना से पुलिस महकमा दहल गया वहीं जेलकर्मी भी रात को कमरे से बाहर निकलने से डरने लगे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि घटना की साजिश जेल के भीतर रची गई थी।

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    Vinod Upadhyay: जेल में था दबदबा, डिप्टी जेलर के घर में कराई लूट; व्यवस्था अपने हिसाब चलाने का था शौक

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। माफिया विनोद उपाध्याय जिस जेल में बंद होता, वहां की व्यवस्था अपने हिसाब से चलाता था। वर्ष 2014 में वह जिला कारागार में निरुद्ध था, तब दबदबे के लिए डिप्टी जेलर के आवास में लूट कराकर सनसनी फैला दी थी। कुछ दिन बाद उसके इशारे पर बंदी रक्षक की वर्दी उतारी गई। तीन माह बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने विनोद के साथियों को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया था।

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    आठ दिसंबर, 2014 की रात तत्कालीन डिप्टी जेलर राजेश मौर्या के आवास में पिस्टल लेकर एक बदमाश घुस गया। पिस्टल सटाकर नकदी, गहने, मोबाइल फोन और सरकारी रिवाल्वर छीनने के बाद उनकी स्कूटी की चाबी लेकर बदमाश फरार हो गया।

    इस घटना से पुलिस महकमा दहल गया, वहीं जेलकर्मी भी रात को कमरे से बाहर निकलने से डरने लगे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो पता चला कि घटना की साजिश जेल के भीतर रची गई थी। छह मार्च, 2015 की रात में जेल परिसर में फिर एक घटना हुई। टावर पर चढ़े बदमाश ने ड्यूटी कर रहे बंदी रक्षक की वर्दी उतरवा ली।

    मंकी कैप पहने बदमाश ने वारदात को अंजाम दिया था। दूसरे टावर पर मौजूद होमगार्ड को भी उसने धमकाया था। इस घटना के बाद जेल में हड़कंप मच गया। 27 मार्च, 2015 को पुलिस ने घोषीपुरवा, पुरानी मस्जिद निवासी सैफ अली उर्फ सोनू, सुड़ियाकुंआ बशारतपुर के विजय कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार कर घटना का पर्दाफाश किया था।

    एसएसपी के हटने पर बढ़ गया था रुतबा

    वर्ष 2014 में पुलिस ने विनोद उपाध्याय को गिरफ्तार किया। अपनी राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए उसने छोड़ने का दबाव बनाया, लेकिन बात नहीं बनी। एसएसपी ने उसे जेल भेजवा दिया। इस घटना के कुछ दिन बाद ही एसएसपी का तबादला पीएसी में कर दिया गया। तब यह चर्चा शुरू हो गई कि इसके पीछे विनोद का हाथ है। सिफारिश न सुनने पर यह कार्रवाई हुई है। यद्यपि, कुछ दिन बाद ही पुलिस अधिकारी को पूर्वांचल के बड़े जिले में तैनाती मिल गई थी।

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