UP News: गोरखपुर के विनोद ने अंत: करण की आवाज पर मांगा खुद के लिए भारत रत्न, अफसरों ने जांच कराई तो मिला अयोग्य
गोरखपुर के विनोद ने मंडलायुक्त के यहां आवेदन देकर भारत रत्न की मांग की है। बताया है कि ध्यान में लीन रहते हुए उनके अंतकरण से भारत रत्न पाने की मांग उठी थी। हैरान करने वाली बात तो ये है कि विनोद के इस आवेदन पर तेजी से कार्रवाई हुई। अफसरों ने उसके आवेदन को गंभीरता से लेते हुए जांच भी कराई। जिसके बाद उसे अयोग्य बता दिया गया।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। वेब सीरीज ‘पंचायत’ के सीजन टू का डायलाग ‘देख रहे हो न विनोद’ ने खूब चर्चा बटोरी थी। गोरखपुर में भी आजकल एक विनोद अपनी एक मांग को लेकर चर्चा में हैं। ध्यान में लीन रहते हुए उनके अंत:करण से भारत रत्न पाने की मांग उठी। अगले ही दिन वह मंडलायुक्त कार्यालय पहुंच गए और देश का यह सर्वोच्च सम्मान दिलाने के लिए आवेदन दे दिया।
अधिकारियों के जनता दर्शन में आ रहे आवेदनों पर प्रभावी कार्रवाई न होने की शिकायत भले आती रही हो लेकिन अंत:करण की आवाज के आधार पर भारत रत्न मांगने के इस आवेदन पर तत्परता से कार्रवाई हुई। आयुक्त कार्यालय से चलकर आवेदन कानूनगो व लेखपाल तक पहुंचा। जांच भी हुई। अभी तक कोई रिपोर्ट तो नहीं लगी है लेकिन आवेदक विनोद को बता दिया गया कि वह अभी इस सम्मान के लिए अर्ह नहीं हैं।
यह है पूरा मामला
पिपराइच ब्लाक के ग्राम महराजी उत्तर टोला निवासी विनोद कुमार गौड़ महानगर के सिविल लाइन में रहते हैं। उन्होंने मंडलायुक्त कार्यालय में आवेदन देकर बताया कि वह तपस्या में लीन थे कि उनके अंत:करण से आवाज आई कि मुझे भारत रत्न चाहिए। इस आवेदन को अपर आयुक्त ने 11 अक्टूबर को जिलाधिकारी कार्यालय को भेज दिया। अगले ही दिन जिलाधिकारी कार्यालय से यह आवेदन सीडीओ के पास भेजा गया। सीडीओ के यहां से आवेदन आठ नवंबर को एसडीएम सदर के पास भेजा गया और वहां से 14 नवंबर को तहसीलदार सदर के पास।
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लगातार जारी रहा जांच का सिलसिला
तहसीलदार सदर ने आवश्यक कार्यवाही के लिए आवेदन पिपराइच क्षेत्र के राजस्व निरीक्षक के पास भेज दिया। अधिकारियों की ओर से अग्रसारित पत्र अचानक इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया। तहसीलदार सदर का कहना है कि लेखपाल गांव के लोगों का बयान ले रहे हैं। उसके बाद मामले का निस्तारण कर दिया जाएगा। प्रशासनिक अमले में यह भी चर्चा है कि पत्रावली वापस कर दी गई है। जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने कहा कि किसी भी आवेदन को अस्वीकार नहीं किया जा सकता। उसकी जांच कराई जाती है। इसी क्रम में उसे आगे बढ़ाया जाता है।
लोगों ने लिए चटखारे
अंत:करण की आवाज पर भारत रत्न दिलाने का मांगपत्र प्रसारित होने के बाद लोगों ने इंटरनेट मीडिया पर खूब चटखारे भी लिए। कई लोगों ने टिप्पणी की कि जितनी गंभीरता से इस आवेदन को आगे बढ़ाया गया, उतना ही किसी पीड़ित पर ध्यान देते तो कई समस्या हल हो जाती।
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डीएम कार्यालय से फोन कर पूछी गई उपलब्धि
अधिकारियों से होता हुआ यह मामला राजस्व निरीक्षक तक पहुंचा था। राजस्व निरीक्षक निरीक्षक ने बताया कि लेखपाल ने आवेदक से बात की है। विनोद के पास जिलाधिकारी कार्यालय से भी फोन गया था। उनसे पूछा गया कि वह ऐसा क्या करते हैं कि उन्हें भारत रत्न दिया जाए? जवाब में उन्होंने कहा कि ध्यान-साधना करते हैं। फोन करने वाले ने कहा कि इस आधार पर वह अर्ह नहीं हैं तो विनोद ने कहा कि वह और अधिक ध्यान लगाएंगे।
विनोद का दावा, राष्ट्रपति भवन से भी आया फोन
विनोद गौड़ ने दूरभाष पर बताया कि उनके पास दिल्ली तक से फोन आया है। उनका दावा है कि 20 नवंबर की रात 11 बजे राष्ट्रपति भवन से फोन आया था। फोन करने वाले ने बताया कि वह भारत रत्न के लिए योग्य नहीं हैं क्योंकि उन्होंने समाज के लिए ऐसा कोई काम नहीं किया है, जिससे उन्हें भारत रत्न दिया जाए। फोन करने वाले ने उनको सुझाव दिया कि वह समाज के लिए कुछ ऐसा करें, जिससे यह सम्मान प्राप्त कर सकें।
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