गोरखपुर-प्रयागराज रूट पर 8 जून से 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन चलेगी जिसकी अनुमति रेलवे प्रशासन ने दे दी है। पहले 8 कोच वाली ट्रेन चलती थी। अब इस नई रेक में दो एग्जीक्यूटिव कोच भी होंगे। यह बदलाव यात्रियों के लिए गोरखपुर अयोध्या लखनऊ और प्रयागराज की यात्रा को और सुगम बनाएगा। लगातार यात्रियों की बढ़ती संख्या के कारण रेलवे ने यह निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर-अयोध्या-लखनऊ-प्रयागराज की यात्रा और सुगम होगी। गोरखपुर जंक्शन से चल रही 22549/22550 नंबर की सेमी हाईस्पीड ट्रेन की पूरी रेक बदल जाएगी। अब आठ जून से आठ कोच वाली वंदे भारत की जगह नई सुविधा संपन्न 16 कोच की ट्रेन चलेगी।
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स्पीड ट्रायल के बाद रेलवे प्रशासन ने नई रेक से वंदे भारत ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान कर दी है। इस ट्रेन की रेक में दो एग्जीक्यूटिव समेत सामान्य चेयर कार लगेंगी। उत्तर रेलवे के शकूरबस्ती से गोरखपुर पहुंची 16 कोच वाली वंदे भारत ट्रेन की रेक का एक जून को गोरखपुर से नौतनवा के बीच स्पीड ट्रायल हुआ था।
ट्रेन को अधिकतम 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाकर परीक्षण किया गया था। परीक्षण सफल होने के बाद यांत्रिक विभाग ने नई रेक को संचालित करने का फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर दिया है। इसके बाद परिचालन विभाग ने ट्रेन चलाने के लिए तिथि भी निर्धारित कर दी है। यद्यपि, ट्रेन का सिर्फ रेक बदलेगा।
ट्रेन पूर्व निर्धारित समय, मार्ग और ठहराव के आधार पर ही चलाई जाएगी। गोरखपुर-प्रयागराज वंदे भारत में 16 कोच वाली रेक लगने से आठ कोच वाली रेक खाली हो जाएगी।
गोरखपुर-पटना रूट पर भी वंदे भारत ट्रेन चलाने की तैयारी तेज
माना जा रहा है कि आठ कोच वाली वंदे भारत की खाली रेक गोरखपुर से पटना के बीच चलाई जाएगी। जल्द ही इस ट्रेन की भी घोषणा हो जाएगी। यह ट्रेन गोरखपुर-बेतिया-नरकटियागंज-मुजफ्फरपुर-पटना रेलमार्ग पर चलाई जानी है, जो गोरखपुर से सुबह छह बजे से चलकर रात को साढ़े नौ बजे तक वापस आ जाएगी। गोरखपुर और बेतिया दौर पर आए रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने गोरखपुर-पटना नई वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा की थी।
आठ और 16 कोच की होती है वंदे भारत
स्वदेशी तकनीक से निर्मित पूरी तरह वातानुकूलित यह ट्रेन आठ और 16 कोच की होती है। गोरखपुर से आठ कोच वाली वंदे भारत ट्रेन ही चलाई गई। सात जुलाई, 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर जंक्शन से इस पहली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी। शुरुआत में यह ट्रेन अयोध्या के रास्ते लखनऊ तक चलती थी।
यात्रियों की मांग बढ़ी तो प्रयागराज तक इसका मार्ग विस्तार कर दिया गया। आने वाले दिनों में मुख्यालय गोरखपुर सहित लगभग पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख रूटों पर अब वंदे भारत ट्रेनें ही चलाई जाएगी। गोरखपुर से दिल्ली और आगरा के बीच स्लीपर वंदे भारत के अलावा वाराणसी के रास्ते प्रयागराज सहित कुल सात वंदे भारत और दो अमृत भारत सहित कुल 17 ट्रेन चलाने का प्रस्ताव है।
वंदे भारत को अब शनिवार को चलाने की तैयारी
गोरखपुर-अयोध्या-लखनऊ होते हुए प्रयागराज तक जाने वाली वंदे भारत को अब शनिवार को चलाने की योजना है। वर्तमान में यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती है। शनिवार को रेक के रखरखाव के चलते ट्रेन गोरखपुर में खड़ी रहती है।
रविवार के साथ ही कई विभागों, कालेजों में शनिवार को अवकाश के चलते बड़ी संख्या में नौकरीपेशा, छात्र और कारोबारी इस ट्रेन को शनिवार को चलाने की मांग कर रहे हैं। यात्रियों की मांग को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने अब वंदे भारत का रखरखाव शनिवार की बजाय बुधवार या गुरुवार को कराने की तैयारी में है।
रेलवे के उच्च अधिकारियों का भी मानना है कि बुधवार या गुरुवार की अपेक्षा शनिवार को वंदे भारत के अधिक यात्री मिलेंगे। संबंधित अधिकारियों ने वंदे भारत के रखरखाव को लेकर मंथन भी आरंभ कर दिया है।
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