Vande Bharat: गोरखपुर के लोगों के लिए खुशखबरी, बनेगा ट्रेनिंग सेंटर; रेलकर्मी सीखेंगे वंदे भारत की तकनीक
Vande Bharat पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित बहुविषयक पद्धति प्रशिक्षण केंद्र (एमएसटीसी) में ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा। इसमें स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत ट्रेन की तकनीक के बारे में रेल कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। ट्रेन की धुलाई सफाई व आवधिक मरम्मत के साथ गोरखपुर में ही कर्मियों को प्रशिक्षण की भी सुविधा मिल जाएगी। रेलकर्मी सामान्य ट्रेनों के साथ वंदे भारत के संचालन से संबंधित बारीकियां सिखाई जाएंगी।

प्रेम नारायण द्विवेदी, गोरखपुर : पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर स्थित बहुविषयक पद्धति प्रशिक्षण केंद्र (एमएसटीसी) में ट्रेनिंग सेंटर खुलेगा। इसमें स्वदेशी तकनीक से निर्मित वंदे भारत ट्रेन की तकनीक के बारे में रेल कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।
ट्रेन की धुलाई, सफाई व आवधिक मरम्मत के साथ गोरखपुर में ही कर्मियों को प्रशिक्षण की भी सुविधा मिल जाएगी। रेलकर्मी सामान्य ट्रेनों के साथ वंदे भारत के संचालन से संबंधित बारीकियां सिखाई जाएंगी। वे नई तकनीक में भी निपुण हो सकेंगे।
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रेलवे प्रशासन की पहल पर एमएसटीसी ने हाईस्पीड ट्रेन के संचालन से संबंधित प्रशिक्षण के लिए पाठ्यक्रम का विस्तार किया है। एमएसटीसी के निदेशक अश्वनी कुमार दीक्षित के निर्देशन में अनुदेशक डा. महेश कुमार ने 'ट्रेन सेट परिचालन अनुदेश और दोष निवारण' पाठ्य पुस्तिका तैयार की है, जिसमें वंदे भारत की नई तकनीक शामिल की गई है।
एमएसटीसी में जल्द नई कक्षाएं भी चलनी शुरू हो जाएंगी। आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर रेलवे सहित भारतीय रेलवे में वंदे भारत ट्रेनें ही चलाई जाएंगी। अब गुलाबी रंग की वंदे भारत में स्लीपर कोच भी लगने लगे हैं।
हरी झंडी मिलते ही शुरू होगा संचालन
पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर-प्रयागराज, लखनऊ-गोरखपुर-पाटलिपुत्र, लखनऊ-दिल्ली, टनकपुर-देहरादून, काठगोदाम-आनंदविहार, गोरखपुर-कानपुर और गोरखपुर-नई दिल्ली आदि प्रमुख रूटों का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड को प्रस्तुत कर दिया है। वहां से हरी झंडी मिलते ही संचालन शुरू हो जाएगा।
जानकारों का कहना है कि मुख्यालय गोरखपुर वंदे भारत के संचालन का ऐसा सेंटर बनेगा, जहां ट्रेनों की धुलाई, सफाई व आवधिक मरम्मत के साथ रेलकर्मियों को प्रशिक्षण की सुविधा भी मिलेगी। इसका लाभ पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं, अन्य जोन को भी मिलेगा। भारतीय रेलवे स्तर पर वंदे भारत की 50 सेवाएं संचालित हैं।
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मरम्मत के लिए प्लेटफार्म-नौ के पास बनेगा नया शेड
गोरखपुर में ही वंदे भारत की आवधिक मरम्मत (पीओएच) भी होगी। इसके लिए नया शेड बनेगा, जिसका स्थान चिह्नित कर लिया गया है। यांत्रिक कारखाने के दक्षिणी छोर पर स्थित प्लेटफार्म नंबर-नौ के पास मैकेनाइज्ड लाउंड्री की जगह वंदे भारत का नया शेड बनाने का प्रस्ताव है। न्यू वाशिंग पिट कोचिंग कांप्लेक्स के पास मैकेनाइज्ड लाउंड्री का नवनिर्माण होगा।
धुलाई के लिए 250 करोड़ से बनेगा नया वाशिंग पिट
वंदे भारत ट्रेन की रोजाना धुलाई व मरम्मत के लिए न्यू वाशिंग पिट के बगल में करीब 250 करोड़ के बजट से नया वाशिंग पिट तैयार होगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने शेड व पिट के लिए भूमि चिह्नित कर नक्शे के साथ प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। वर्तमान में न्यू वाशिंग पिट में ही एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ वंदे भारत की भी प्रतिदिन धुलाई व मरम्मत हो रही है।
वंदे भारत एक्सप्रेस के संचालन के साथ पूर्वोत्तर रेलवे आधुनिक तकनीक के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। ऐसे में रेल कर्मचारियों को नई तकनीकयुक्त वंदे भारत जैसी ट्रेनों के अनुरक्षण के लिए कुशल प्रशिक्षण देने के लिए व्यवस्था बहुविषयक पद्धति ट्रेनिंग सेंटर में की गई है। इससे रेल कर्मचारी नई तकनीक को सीख पाएंगे। रेलवे की दक्षता में भी सुधार होगा। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी, पूर्वोत्तर रेलवे
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