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    Vande Bharat Train: वंदे भारत की तरफ बढ़ा नौकरीपेशा व व्यवसायियों का रुझान, यात्री बोले- शानदार है ट्रेन पर ढीली हो रही जेब

    Vande Bharat Express Train वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में गोरखपुर से लखनऊ के बीच 25 से 49 वर्ष के 60 प्रतिशत लोग यात्रा कर रहे हैं। यह बात रेलवे की विशेष टीम द्वारा किए गए सर्वे में सामने आई। यात्री बोले - सेमी हाईस्पीड ट्रेन शानदार है पर 4 घंटे के सफर में जेब ढीली हो जा रही है।

    By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandUpdated: Fri, 27 Oct 2023 10:20 AM (IST)
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    सेमी हाईस्पीड वंदे भारत की तरफ बढ़ा नौकरीपेशा व व्यवसायियों का रुझान। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर से लखनऊ के बीच चल रही सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत में भले ही यात्रियों की संख्या कम हुई है, लेकिन नौकरीपेशा और व्यवसायियों (कामकाजी) का रुझान बढ़ा है। रेलवे ने जब वंदे भारत का फीडबैक लिया तो पता चला कि 25 से 49 वर्ष के 60 प्रतिशत लोग गोरखपुर से लखनऊ के बीच यात्रा कर रहे हैं। इनमें 25 प्रतिशत महिलाएं और शेष पुरुष शामिल हैं।

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    सर्वे के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने गठित की टीम

    पूर्वोत्तर रेलवे ने वंदे भारत में सर्वे के लिए टीम गठित की थी। टीम ने कई सवालों पर यात्रियों की राय ली है। जैसे- यात्रा का उद्देश्य क्या है। छात्र हैं, व्यवसायी हैं या नौकरीपेशा। क्या आप किसी किसी कार्यक्रम में जा रहे हैं। वंदे भारत से अभी तक कितनी बार यात्रा कर चुके हैं। यात्रियों ने सर्वे में टीम के सवालों का जवाब तो दिया ही है, अपनी बात रेलवे तक भी पहुंचाई है।

    चार घंटे की यात्रा में ढीली हो जा रही जेब

    उनका कहना है कि सुविधा संपन्न सेमी हाईस्पीड ट्रेन शानदार तो है, लेकिन गोरखपुर से लखनऊ तक की चार घंटे की यात्रा में जेब ढीली हो जा रही। लोगों ने गोरखपुर से दिल्ली तक स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने की भी मांग की है। जानकारों का कहना है कि वंदे भारत ट्रेन के स्लीपर संस्करण का आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित माडल लोगों को लुभाने लगा है। भारतीय रेलवे स्तर पर स्लीपर वंदे भारत का संचालन अगले साल मार्च-अप्रैल से शुरू होगा, लेकिन यात्री अभी से उसका इंतजार करने लगे हैं।

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    पूर्वोत्तर रेलवे ने गोरखपुर-प्रयागराज, लखनऊ-गोरखपुर-पाटलिपुत्र, लखनऊ-दिल्ली, टनकपुर-देहरादून, काठगोदाम-आनंदविहार, गोरखपुर-कानपुर और गोरखपुर-नई दिल्ली आदि प्रमुख रूट का प्रस्ताव तैयार कर बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत कर दिया है। गोरखपुर से दिल्ली तक वंदे भारत को लेकर पहले से ही प्रस्ताव तैयार है, लेकिन परिचालनिक दिक्कतों के चलते गोरखपुर से दिल्ली तक वंदे भारत के प्रस्ताव पर मुहर नहीं लग पा रही। संभावना जताई जा रही है कि अगले वर्ष से गोरखपुर से दिल्ली के बीच भी गुलाबी रंग की स्लीपर वंदे भारत चलने लगेगी।

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    तैयार हो रही 200 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन

    भारतीय रेलवे स्तर पर 26 हजार करोड़ से हवाई जहाज जैसी सुविधा वाली 200 स्लीपर वंदे भारत ट्रेन तैयार की जा रही हैं। इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने दो वित्तीय वर्ष में वंदे भारत के और 3200 कोच तैयार करने का लक्ष्य रखा है। इन कोचों से वर्ष 2027 तक कम से कम आठ कोचों वाली 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार हो जाएंगी।