Gorakhpur News: फट गई थी बच्चेदानी और पेशाब की थैली, डॉक्टरों की सतर्कता ने बचाई जान
महराजगंज की महिला को एक जून को सामान्य प्रसव हुआ था। उसके बाद उनका पेट फूलने लगा और दर्द शुरू हुआ। स्वजन दो जून को रोगी को लेकर बीआरडी मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में पहुंचे। इमरजेंसी अल्ट्रासाउंड करने पर पता चला कि उनके पेट में रक्त भरा है।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में भर्ती महिला की बच्चेदानी (यूट्रेस) व पेशाब की थैली (यूरिनरी ब्लाडर) फट गई थी। मामला जटिल था। डॉक्टरों के आपसी समन्वय व सहयोग से तत्काल आपरेशन कर महिला की जान बचाई गई। उनकी गंभीर स्थिति जानकर यूरोलाजिस्ट डा. रवि प्रकाश मिश्रा ओपीडी छोड़कर आनन-फानन में गायनी के आपरेशन थियेटर (ओटी) में पहुंचे। तत्काल आपरेशन किया गया। अब महिला स्वस्थ हैं। एक-दो दिन में उन्हें डिस्चार्ज किया जा सकता है।
महराजगंज की महिला को एक जून को सामान्य प्रसव हुआ था। उसके बाद उनका पेट फूलने लगा और दर्द शुरू हुआ। स्वजन दो जून को रोगी को लेकर बीआरडी मेडिकल कालेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग में पहुंचे। इमरजेंसी अल्ट्रासाउंड करने पर पता चला कि उनके पेट में रक्त भरा है। कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा था। डाक्टरों ने अंदाजा लगाया कि बच्चेदानी फटी होगी।
उन्होंने आपरेशन के लिए पेट खोल दिया। पहले रक्त का प्रवाह रोकने की कोशिश की ताकि बच्चेदानी को बचाया जा सके लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। डाक्टरों ने मजबूरी में हिस्टेक्टमी किया अर्थात बच्चेदानी को निकाल दिया। इसके बाद पता चला कि पेशाब की थैली भी फटी हुई है और चीरा लगभग 18 इंच लंबा है। यूरोलाजी विभाग में इमरजेंसी काल भेजी गई। यूरोलाजिस्ट डा. रवि प्रकाश मिश्रा ओपीडी में रोगियों को देख रहे थे। आनन-फानन में गायनी ओटी में पहुंचे, पेशाब की थैली की मरम्मत की।
पेट फूलने व दर्द की समस्या लेकर महिला आई थीं। अल्ट्रासाउंड के बाद भी बहुत कुछ स्पष्ट नहीं हो रहा था क्योंकि पेट में केवल रक्त नजर आ रहा था। इतना अंदाजा लग गया कि बच्चेदानी से रक्तस्राव हो रहा होगा। चीरा लगाने के बाद पता चला कि पेशाब की थैली भी फटी है। इमरजेंसी काल पर तत्काल यूरोलाजिस्ट आए और महिला की जान बचाई गई।
-डा. खुतैजा बानो, असिस्टेंट प्रोफेसर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, बीआरडी मेडिकल कालेज
यह अपनी तरह का अलग मामला था। महिला का सामान्य प्रसव हुआ था, संभव है बच्चेदानी पर ज्यादा दबाव पड़ा हो और वह फट गई हो। उससे सटी पेशाब की थैली होती है, इससे दोनों एक साथ फट गई होंगी। गायनी विभाग के डाक्टरों की सतर्कता की वजह से समय से उपचार व आपरेशन संभव हुआ। इसलिए रोगी की जान बच गई। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।
-डा. रवि प्रकाश मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर यूरोलाजी विभाग, बीआरडी मेडिकल कालेज
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