UPPCL: विद्युत कर्मचारियों का निजीकरण को लेकर प्रदर्शन जारी, बोले- हजारों पद एक साथ खत्म करने की रची जा रही साजिश
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के विद्युत कर्मचारियों का निजीकरण के विरोध में प्रदर्शन जारी है। कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार निजीकरण के माध्यम से हजारों पदों को खत्म करने की साजिश रच रही है, जिससे उनकी नौकरी असुरक्षित हो जाएगी। कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से फैसला वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष के संयोजक पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि बिजली निगम प्रबंधन एक साथ हजारों पद खत्म करने की साजिश रच रहा है। इसकी जड़ में निजीकरण ही है। निजीकरण के विरोध में उठ रहे स्वर को देखते हुए प्रबंधन अब नई-नई तरकीब निकाल रहा है। बिजलीकर्मी प्रबंधन की हर साजिश का विरोध करेंगे। अभियंताओं, कर्मचारियों, निविदाकर्मियों की नौकरी के साथ ही उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के लिए आंदोलन लगातार जारी रहेगा।
शुक्रवार को मोहद्दीपुर स्थित हाइडिल कालोनी में निजीकरण के विरोध में हुई सभा में पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि लेसा में वर्टिकल प्रणाली के माध्यम से आठ हजार से ज्यादा बिजलीकर्मियों के पद समाप्त कर दिए जाएंगे। यह प्रणाली निजीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस कारण कर्मचारियों और अभियंताओं में नाराजगी है। निजीकरण विरोधी आंदोलन तब तक जारी रखा जाएगा जब तक निजीकरण की योजना को पूर्णतया वापस नहीं लिया जाता। दीपावली के पर्व के चलते निर्बाध बिजली आपूर्ति के बाद अब फिर आंदोलन शुरू कर दिया गया है। बिजलीकर्मियों ने गिरीश पांडेय की पत्नी के निधन पर शोक जताया है।
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इस दौरान जीवेश नंदन, जितेंद्र कुमार गुप्त, सीबी उपाध्याय, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, इस्माइल खान, संदीप श्रीवास्तव, करुणेश त्रिपाठी, राजकुमार सागर, विजय बहादुर सिंह, राकेश चौरसिया आदि मौजूद रहे।

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