Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UPPCL: यूपी के इस शहर में मीटर रीडर का इंतजार, बढ़ता जा रहा बिजली का बकाया

    Updated: Thu, 26 Jun 2025 11:27 AM (IST)

     नई एजेंसी ने पुराने मीटर रीडरों को तो तैनाती दी है लेकिन उनका क्षेत्र बदल दिया है। जो मीटर रीडर जहां रीडिंग करता था, नई व्यवस्था में उसकी ड्यूटी वहां से काफी दूरी पर लगा दी गई है।

    Hero Image

    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। तारामंडल क्षेत्र के श्रीराम सिंह के घर अभी इलेक्ट्रानिक मीटर लगा है। वह मीटर रीडिंग के आधार पर हर महीने बिल का भुगतान करते हैं। इधर कुछ महीने से मीटर रीडर नहीं आ रहे हैं। इस कारण बिल नहीं बन पा रहा है। श्रीराम सिंह का कहना है कि गर्मी में बिजली की खपत बढ़ गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ऐसे में समय से बिल नहीं बनने से एकमुश्त हजारों रुपये देने पड़ेंगे। मीटर रीडर आते तो हर महीने का बिल जमा करते जाता। इससे बकाया नहीं चढ़ता। यही स्थिति दयाशंकर पांडेय की भी है। बिल न बनने से वह परेशान हैं। बेटा बाहर रहता है इसलिए मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर अभियंताओं के पास जाने में भी असमर्थ हैं।

    बिजली निगम ने मीटर रीडिंग एजेंसी बदल दी है। नई एजेंसी ने पुराने मीटर रीडरों को तो तैनाती दी है लेकिन उनका क्षेत्र बदल दिया है। जो मीटर रीडर जहां रीडिंग करता था, नई व्यवस्था में उसकी ड्यूटी वहां से काफी दूरी पर लगा दी गई है। इससे मीटर रीडर समय से क्षेत्र में नहीं पहुंच पा रहे हैं।

    नई जगह होने के कारण उनको पूरी जानकारी भी नहीं हो पा रही है। इस कारण कुछ ही उपभोक्ताओं का बिजली का बिल बन पा रहा है।

    स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं की तलाश में भी मुश्किल

    सभी उपभोक्ताओं के परिसर पर स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैँ। जिले में एक लाख से ज्यादा परिसर में स्मार्ट मीटर लगाए भी जा चुके हैं। कई ऐसी कालोनियां हैं जहां कुछ घरों को छोड़कर ज्यादातर पर स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। मीटर रीडरों को बचे घरों की तलाश में दिक्कत हो रही है।

    कहीं 50 तो कहीं 70 प्रतिशत रीडिंग

    महीने की 25 तारीख तक बिजली निगम शत प्रतिशत मीटर रीडिंग का लक्ष्य देता है लेकिन इस महीने अब तक कहीं 50 तो कहीं 70 प्रतिशत तक ही रीडिंग हो सकी है। इसका कारण मीटर रीडरों का उपभोक्ताओं के परिसर तक न पहुंच पाना। हजारों उपभोक्ता मीटर रीडिंग का वीडियो लेकर खंड कार्यालयों में पहुंचकर बिल बनवा रहे हैं।

    मीटर रीडरों की कराई जा रही परेड

    अधिशासी अभियंता अतुल रघुवंशी ने बताया कि सभी मीटर रीडरों को खंड कार्यालय बुलाकर परेड कराई जा रही है। उनको बताया जा चुका है कि मीटर की फोटो खींचने के साथ ही प्रोब आधारित बिलिंग करनी है। इससे वास्तविक रीडिंग और मांग के आधार पर बिल बनेगा। यदि कोई कनेक्शन की क्षमता से ज्यादा बिजली का उपभोग कर रहा है तो इस व्यवस्था से वास्तविक मांग की जानकारी मिल जाएगी और जुर्माना लगाकर बिल की वसूली की जाएगी। कहा कि लापरवाही बरतने वालों को चेतावनी दी गई है। यदि सुधार न हुआ तो ऐसे मीटर रीडरों को बर्खास्त कर दिया जाएगा।