‘समर्थ’ पर अपलोड नहीं हुआ डाटा तो परीक्षा से वंचित हो जाएंगे विद्यार्थी, कॉलेज प्रबंधन की सुस्ती पड़ सकती है भारी
लगभग 60 हजार छात्रों का डेटा 'समर्थ' पोर्टल पर अपलोड हो चुका है, और तकनीकी समस्याएँ नहीं हैं। कालेजों की लापरवाही से छात्रों और सत्र के नियमन को नुकसान होगा। छात्रों के हित में, सभी कालेजों को गंभीरता से काम लेना होगा, अन्यथा छात्रों को परीक्षा में बैठने से वंचित रहना पड़ सकता है।

2 नवंबर अंतिम तिथि, 50 प्रतिशत विद्यार्थियों का ही डाटा हो सका है अपलोड
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध कालेज प्रबंधन की लापरवाही इस बार हजारों विद्यार्थियों पर भारी पड़ सकती है। प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सत्र 2025-26 में प्रवेश लेने वाले सभी विद्यार्थियों का डाटा 'समर्थ' पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य किया गया है, लेकिन अब तक केवल 50 प्रतिशत विद्यार्थियों का ही पंजीकरण हो सका है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी कालेजों को दो नवंबर तक प्रक्रिया पूरी करने के सख्त निर्देश दिए हैं, अन्यथा संबंधित छात्रों को परीक्षा से वंचित रहना पड़ सकता है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने 10 अक्टूबर को सभी संबद्ध कालेजों को नवप्रवेशी छात्रों का विवरण 'समर्थ' पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए थे। प्रारंभिक समय सीमा 17 अक्टूब तय की गई थी, जिसे बाद में कालेजों की सुस्ती के चलते दो बार बढ़ाया गया। पहली बार 27 अक्टूबर और दूसरी बार दो नवंबर तक। बावजूद इसके अधिकांश कालेजों ने गंभीरता नहीं दिखाई। अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने चेतावनी दी है कि 'समर्थ' पर डेटा अपलोड न करना न केवल छात्रहितों के प्रतिकूल है, बल्कि विश्वविद्यालय की साख और प्रशासनिक उत्तरदायित्व के लिहाज से भी अत्यंत गंभीर मामला है। विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कहा है कि दो नवंबर के बाद कोई भी नया प्रवेश मान्य नहीं किया जाएगा।
80 कालेजों ने अब तक नहीं किया एक भी पंजीकरण
गोरखपुर विश्वविद्यालय से लगभग 350 कालेज संबद्ध हैं, जिनमें से 80 कालेजों ने अब तक एक भी छात्र का डाटा पोर्टल पर अपलोड नहीं किया है। 155 कालेजों में सिर्फ एक से 20 प्रतिशत तक, जबकि 76 कालेजों में 21 से 50 प्रतिशत तक पंजीकरण पूरे हुए हैं। 14 कालेज ऐसे हैं, जहां 51 से 80 प्रतिशत कार्य संपन्न हुआ है। मात्र सात कालेजों ने 80 से 100 प्रतिशत तक छात्रों का डेटा पोर्टल पर अपलोड किया है।
अब तक लगभग 60 हजार छात्रों का डेटा ‘समर्थ’ पोर्टल पर अपलोड किया जा चुका है। प्रक्रिया में किसी प्रकार की तकनीकी दिक्कत नहीं है। कालेजों की उदासीनता का नुकसान छात्रों और सत्र नियमन दोनों को भुगतना पड़ेगा। छात्रहित में सभी कालेजों को गंभीरता दिखानी होगी।
-प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीदउ गाेरखपुर विश्वविद्यालय

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