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    UP Weather Today: बादल फटने की तरह हुई वर्षा, 105 मिमी रही तीव्रता

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 11:10 AM (IST)

    गोरखपुर में मंगलवार को हुई जोरदार बारिश का वैज्ञानिकों ने अध्ययन किया। विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में वर्षा की तीव्रता 105 मिमी प्रति घंटा मापी गयी। वैज्ञानिकों के अनुसार एक घंटे में 100 मिमी से अधिक वर्षा होने पर उसे बादल फटना माना जाता है। वर्षा की वायुमंडलीय परिस्थितियां बनी हुई हैं और अगले दो दिन तक बारिश जारी रहेगी।

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    बनी हुई हैं वर्षा की वायुमंडलीय परिस्थितियां, जारी रहेगा सिलसिला। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। शहर में मंगलवार को एक ऐसी जोरदार वर्षा हुई कि लोगों को बादल फटने का अहसास हुआ। दीनदयाल उपाध्याय उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में वर्षा को बादल फटने के मानक पर खरा भी पाया।

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    विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान विभाग में स्थापित लिडार और वेदर स्टेशन में सात मिनट तक वर्षा की तीव्रता 105 मिमी प्रति घंटा मापी गयी।

    विभाग के प्रो. शांतनु रस्ताेगी और असिस्टेंट प्रोफेसर डा. प्रभुनाथ प्रसाद ने बताया कि मौसम विज्ञान की परिभाषा के अनुसार ऐसी घटना को बादल फटने की स्थिति मानी जाती है। अगर एक घंटे में 100 मिलीमीटर या उससे अधिक वर्षा होती है तो ऐसी स्थिति को क्लाउडबर्स्ट और अगर 50 मिलीमीटर वर्षा होती है उसे फ्लैश फ्लड कहा जाता है।

    भारी वर्षा के दौरान कचहरी चौराहे पर प्लास्टिक का सहारा लिए स्कूली छात्र। पंकज श्रीवास्तव


    विभाग की शोध छात्रा मीनाक्षी सिंह ने इसे लेकर अपने अध्ययन में पाया कि कुल 34 मिनट में लगभग 38 मिमी वर्षा दर्ज की गई और इस दौरान बादलों की ऊंचाई 100 से 300 मीटर के बीच मापी गई।

    इस तरह की तीव्र वर्षा अक्सर विनाशकारी परिणाम लाती है। डा. प्रभुनाथ प्रसाद ने बताया कि जलवायु परिवर्तन, वातावरण में नमी की अधिकता और वायुमंडलीय अस्थिरता जैसी परिस्थितियां इस तरह की घटना की कारण बनती हैं।

    भारी वर्षा। पंकज श्रीवास्तव


    मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय के अनुसार वर्षा की वायुमंडलीय परिस्थितियां बनी हुई हैं। इन परिस्थितियों के चलते अगले दो दिन तक जिले के अलग-अलग स्थानों पर रुक-रुक कर वर्षा का क्रम जारी रहेगा। बंगाल की खाड़ी के पास एक और निम्न वायुदाब क्षेत्र तैयार हो रहा है, जिसका परिणाम 19 सितंबर से होने वाली वर्षा के रूप में देखने को मिलेगा।

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    ऐसे में सितंबर के दूसरे पखवारे में वर्षा का माहौल बना रहेगा। ऐसे में पूरे सितंबर गर्मी से राहत मिलती रहेगी। उमस हाेगी लेकिन वह स्थायी रूप से परेशान नहीं कर पाएगी।