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    UP Politics: सपा मुखिया अखिलेश यादव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी, विरासत में गद्दी मिलती है बुद्धि नहीं

    By Rakesh Rai Edited By: Dharmendra Pandey
    Updated: Wed, 22 Oct 2025 02:39 PM (IST)

    UP Politics:  सपा को राष्ट्रद्रोही, समाजद्रोही व सनातन द्रोही बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अखिलेश यादव को श्रीराम, देवी-देवताओं, सनातन धर्म और इसके त्योहारों से नफरत है। उन्होंने कहा कि जो अयोध्या वीरान थी, अब वहां का भव्य दीपोत्सव अब देश की नई पहचान बन गया है। 

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ-सपा प्रमुख अखिलेश यादव

    डिजिटल डेस्क, जागरण, लखनऊ: दीपावली पर्व और अयोध्या के दीपोत्सव पर होने वाले व्यय को समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के फिजूलखर्ची मानने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनको घेरा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में एक कार्यक्रम में कहा कि अखिलेश यादव को हिंदुओं के त्यौहारों से नफरत है, अपने कार्यकाल में वो मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में रोजा इफ्तार को आयोजन करते थे।

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    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के दीपोत्सव में मिट्टी के दीयों और मोमबत्तियों पर किए जाने वाले खर्च को फिजूलखर्ची बताकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अन्नदाता किसानों, शिल्पकारों और प्रजापति समाज का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने यह साबित कर दिया है कि उनको गद्दी तो विरासत में मिल गई, लेकिन बुद्धि नहीं मिली

    अयोध्या में दीप जलाने के औचित्य पर सवाल उठाने वाले अखिलेश यादव को यह नहीं पता कि दीपोत्सव के लिए बनाए जाने वाले दीप से जहां प्रजापति समाज के लिए स्वावलंबन का मार्ग खुलता है और अन्नदाता किसानों की तिलहन की फसल का इस्तेमाल होता है, वहीं प्लास्टिक के उपयोग पर विराम लगाने का प्रयास भी सकारात्मक रूप से आगे बढ़ता है।

    मुख्यमंत्री ने सपा को राष्ट्रद्रोही, समाजद्रोही व सनातन द्रोही बताते हुए कहा कि अखिलेश यादव को श्रीराम, देवी-देवताओं, सनातन धर्म और इसके त्योहारों से नफरत है। उन्होंने कहा कि जो अयोध्या वीरान थी, अब वहां का भव्य दीपोत्सव अब देश की नई पहचान बन गया है। इस बार 26 लाख 17 हजार दीये जलाने का नया विश्व रिकार्ड बना है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष को तो दीया जलाने पर भी परेशानी है। सपा प्रमुख कहते हैं कि दीया जलाने की आवश्यकता क्या है, मोमबत्ती जला लेते। 2017 के पहले मिट्टी को लेकर कुम्हारों की पीड़ा को अगर बबुआ ने समझा होता तो वह बचकाना बयान नहीं देते। उन्हें नहीं मालूम है कि दो करोड़ लोग मिट्टी के दीयों से लेकर बर्तन के कारोबार से जुड़े हुए है।
    मुख्यमंत्री आवास में होता था ईद मिलन, मैंने बंद कराया
    मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 के पहले लखनऊ में मुख्यमंत्री के सरकारी आवास में ईद मिलन होता था, लेकिन दीपावली और होली मिलन के कार्यक्रम नहीं होते थे। देश की संवैधानिक व्यवस्था के कारण उनका मानना था कि मुख्यमंत्री आवास और राजभवन में ऐसे आयोजन नहीं होने चाहिए। सरकारी स्तर पर इसे रोका गया है, लेकिन समाज की सहभागिता से त्योहारों को लेकर उत्साह बढ़ा है।
    दुर्योधन की प्रतिमा स्थापित करने का किया था ऐलान
    योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब तीर्थ विकास परिषद अयोध्या में श्रीराम मंदिर के निर्माण के कार्य को आगे बढ़ा रहा था, तब अखिलेश यादव सैफई में दुर्योधन की प्रतिमा स्थापित करने का ऐलान कर रहे थे। तब हमने उन्हें कंस की प्रतिमा लगाने की सलाह भी दे दी थी। मुख्यमंत्री ने रामभक्तों पर सपा सरकार के रुख पर कहा कि रामभक्त अपने खिलाफ सपा सरकार के अभियान को कभी नहीं भूल पाएंगे। प्रयागराज महाकुंभ को लेकर सपा के रुख भी जिक्र किया और कहा कि वह आयोजन शुरू हुआ तो सपा के लोगों ने उसके खिलाफ नकारात्मकता फैलाने का कुत्सित प्रयास किया, लेकिन जनता ने उनके इस प्रयास को ठुकरा दिया।
    प्रभु श्रीराम व श्रीकृष्ण को मिथक बताती थी कांग्रेस
    मुख्यमंत्री ने कांग्रेस को भी निशाने पर रखा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रभु राम और कृष्ण को नकारती थी। कांग्रेस ने अदालत में एफिडेविट देकर कहा था कि भगवान राम और कृष्ण मिथक हैं।

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    उन्होंने कहा कि आज दुनिया अयोध्या में आकर प्रभु श्रीराम के दर्शन कर अभिभूत हो रही है। पिछले साल छह करोड़ लोगों ने अयोध्या में प्रभु राम का दर्शन किया। प्रयागराज में महाकुंभ के 66 करोड़ से अधिक लोग साक्षी बने।