मुकदमों की विवेचना में अब नहीं चलेगी मनमानी, नाम जोड़ने या हटाने के लिए लेनी पड़ेगी उच्चाधिकारियों की अनुमति
UP Police big decision मुकदमों की विवेचना में जांच अधिकारियों ने किए जा रहे भ्रष्टाचार को देखते हुए गोरखपुर के डीआइजी ने मुकदमों की विवेचना से नाम हटा ...और पढ़ें

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अब किसी भी आपराधिक मामले की विवेचना में दरोगा व इंस्पेक्टर की मनमानी नहीं चलेगी। मुकदमे में किसी का नाम जोड़ने व हटाने के लिए उन्हें उच्चाधिकारी की अनुमति लेने के साथ ही आधार बताना होगा। समीक्षा में अगर गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई की जद में विवेचक के साथ ही अनुमति देने वाले अधिकारी भी होंगे। कई विवेचना में गड़बड़ी सामने आने पर डीआइजी ने यह निर्देश जारी किए हैं।
कई विवेचना में गड़बड़ी सामने आने पर डीआइजी ने दिए निर्देश
डीआइजी रेंज जे. रविन्दर गौड़ की समीक्षा में यह बात सामने आयी कि विवेचना के दौरान विवेचक अपनी मनमर्जी से किसी का भी नाम मुकदमे से निकाल और जोड़ दे रहे। अपने मन मुताबिक ही वह आपराधिक मामलों में फाइनल रिपोर्ट और चार्जशीट भी लगा रहे, जिसका कोई ठोस आधार भी नहीं है। इसे रोकने के लिए डीआइजी ने रेंज के सभी पुलिस को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि विवेचकों की मनमानी पर रोक लगाने की प्रभावी व्यवस्था बनाएं।
इन अधिकारियों से लेनी पड़ेगी अनुमति
किसी भी मुकदमे में धारा, अभियुक्त का नाम घटाने-बढ़ाने के साथ ही चार्जशीट और फाइनल रिपोर्ट लगाने से पहले विवेचक थानेदार, सीओ या एडिशनल एसपी से अनुमति लें। विशेषकर उन मामलों में, जिसमें पुलिस अज्ञात लोगों पर मुकदमा दर्ज करती है।ऐसे मामलों में जांच के दौरान मनमानी की जाती है।इससे न्याय नहीं मिल पाता है।
जांच के बाद दर्ज हुए मुकदमे में लगाया एफआर
खोराबार थाने में तैनात एक दारोगा ने जांच के बाद दर्ज हुए जालसाजी के मुकदमे में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दिया है। सीओ कार्यालय से आपत्ति जताने के बाद भी साक्ष्य का दरकिनार कर दिया। मुकदमा वादी की शिकायत पर मामला सामने आने के बाद इस मामले की फिर से जांच कराई जा रही है। पीडि़त का आरोप है कि जालसाजी का साक्ष्य होने के बाद भी दारोगा दूसरे पक्ष को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
डीआइजी के अभियान में पकड़े गए 240 वांछित व वारंटी
हत्या, हत्या की कोशिश के साथ ही गंभीर अपराध में वांछित व वारंटी की गिरफ्तारी के लिए डीआइजी ने रेंज के सभी जिलों में अभियान चलवाया। पुलिस ने दबिश देकर 240 आरोपितों को पकड़ा। फरार चल रहे 524 लोगों की तलाश चल रही है। डीआइजी जे. रविन्दर गौड ने गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर व महराजगंज जिले के कप्तान को वांछित व वारंटी की सूची भेजी थी। जिसमें गोरखपुर में 98 वांछित, 185 वारंटी, महराजगंज में वांछित 28, 61 वारंटी, देवरिया में 138 वांछित, 180 वारंटी व कुशीनगर में 27 वांछित व 67 वारंटी चिन्हित किए गए थे। गोरखपुर पुलिस ने 14 वांछित, 60 वारंटी, महराजगंज पुजिस ने पांच वांछित व 22 वारंटी, देवरिया पुलिस ने 13 वांछित, 66 वारंटी और कुशीनगर पुलिस ने 14 वांछित व 46 वारंटी को गिरफ्तार कर रविवार को कोर्ट में पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया।

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